झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन भले ही हर मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके कार्यों का गुण-गान करते हैं, लेकिन कार्य करने की उनकी अपनी शैली है यह दिखने लगी है। उनकी यह कार्य-शैली लोगों को प्रभावित भी कर रही है। वैसे अभी चुनावी सीजन है, जिसको लेकर सीएम चम्पाई सोरेन ताबड़तोड़ परियोजनाओं की शुरुआत और सौगातें दे रहे हैं। लेकिन एक मंझे हुए राजनेता के गुण उनमें हैं, यह पूरी तरह से झलक रहा है। गुरुवार को उन्होंने नवनियुक्त अभ्यर्थियों के बीच नियुक्त पत्र बांटे। लेकिन इससे पहले भी कई योजनाओं के साथ जनता के बीच लगातार पहुंच रहे हैं।
जनता की चिंता
गत बुधवार को ही लीजिए, उन्होंने सर्वजन योजना और विधवा पुनर्विवाह के लिए सहायता देने की देश की अनोखी योजना की शुरुआत की। इसी दिन कैबिनिट की बैठक में उन्होंने 41 जनोपयोगी प्रस्तावों पर मुहर भी लगायी। सबसे बड़ी बात यह कि इन इतनी सारी योजनाओं की सौगात देने के पहले उन्होंने रांची के कांटाटोली में बन रहे फ्लाई ओवर के निर्माण की प्रगति का निरीक्षण भी करने पहुंच गये। जाहिर है फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य में हो रही देरी से वह चिंतित हैं। क्योंकि रांची की जनता को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए इस फ्लाई ओवर का निर्माण हो रहा है। सीएम ने पहले यह जाना की निर्माण कार्य में देरी क्यों हो रही है, फिर उन्होंने जुलाई 2024 की तिथि भी निर्धारित कर दी कि इस अवधि में यह फ्लाई ओवर बनकर तैयार हो जाना चाहिए।
राजनीतिक इच्छा-शक्ति
चम्पाई सोरेन इच्छा-शक्ति दिखाने में पीछे नहीं है। बुधवार को राज्यसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करवा कर उन्होंने इसे सिद्ध भी कर दिखाया है। कांग्रेस अपना कैंडिडेट खड़ा करवाने के लिए पैंतरे करती रह गयी, लेकिन झामुमो ने अपना कैंडिडेट मैदान में उतार दिया है। और यह उचित भी था। गठबंधन अलग बात है, आपसी सहयोग भी अलग बात है, लेकिन यहां बात राजनीति की है। अगर कांग्रेस राजनीति कर सकती है तो झामुमो को भी राजनीति करने का पूरा अधिकार है। वह भी तब जब झामुमो बड़े भाई की भूमिका निभा रहा है। अब चम्पाई सोरेन के सामने लोकसभा चुनाव की सीटों के बंटवारे को लेकर है। झामुमो जब विधानसभा सीटों में कांग्रेस से काफी आगे है तो जाहिर है उसकी लोकसभा सीटें भी कांग्रेस से ज्यादा ही होनी चाहिए। क्योंकि सीधी और जाहिर-सी बात है कि उसके पक्ष में राज्य का जनमत भी ज्यादा है। उम्मीद है चम्पाई सोरेन भी झामुमो के हक में ऐसा ही करेंगे, साथ ही अन्य सहयोगियों का भी ध्यान रखेंगे।
सुलझे राजनीतिज्ञ
चम्पाई सोरेन सुलझे हुए राजनीतिज्ञ हैं, यह भी दिखाई देता है। उन्होंने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कल्पना सोरेन को सामाजिक मंच पर उतार कर अपनी इसी राजनीतिक क्षमता का परिचय दिया है। क्योंकि चम्पाई सोरेन यह जानते हैं कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन झामुमो के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकती हैं। जैसी खबरें आ रही हैं उसके अनुसार लोकसभा चुनाव में झामुमो कल्पना सोरेन को स्टार प्रचारक के रूप में उतारने जा रही है। झामुमो का यह ऐसा दांव है जिसकी काट एनडीए को ढूंढनी पड़ेगी। यह तो जाहिर है कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झामुमो जिस प्रकार से यह प्रचारित कर रहा है कि हेमंत सोरेन के साथ अन्याय हुआ है, जनता के बीच सहानुभूति की लहर पैदा करने का प्रयास है। लेकिन सहानुभूति की लहर को ज्वार के रूप में कल्पना सोरेन ही बदल सकती हैं।
चम्पाई सोरेन ने मुख्यमंत्री के रूप में अभी शुरुआत की है। कम समय में उन्होंने अपनी क्षमता साबित करने का प्रयास भी किया है। अभी उनकी और भी क्षमताएं सामने आनी बाकी हैं। इसके लिए थोड़ा वक्त लगेगा।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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