झारखंड में हो रहा फर्जी आवासीय-बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने का खेल
झारखंड में फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं है। राज्य में आवासीय, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेजों की जालसाजी पैसे लेकर धड़ल्ले से जारी है। लेकिन अब जो दस्तावेजों की जालसाजी सामने आयी है उसमें अधिकारियों व बच्चों के अभिभावक, ग्राम पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव और वार्ड पार्षद की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर की जा रही है। इसका खुलासा सीबीआई ने की है। सीबीआई ने झारखंड में चल रहे इस फर्जीवाड़े की रिपोर्ट तैयार की है। बताया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेजों में आवासीय और जन्म प्रमाण पत्र का खेल विशेष रूप से चल रहा है। यह खेल दूसरे राज्यों से आकर यहां का लाभ उठाने वाले प्रतिभागियों के कारण ज्यादा हो रहा है। सीबीआई ने जो खुलासा किया है उसमें बड़े रैकेट के शामिल होने की संभावना है। जांच रिपोर्ट यह भी बताती है कि फर्जी डोमेसाइल और जन्म प्रमाण पत्र के सहारे प्रतिष्ठित स्कूलों और संस्थानों में बड़े पैमाने पर नामांकन भी कराया जा चुका है। सीबीआई ने झारखंड में हो रहे इस फर्जीवाड़े की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार को सौंप दी है।
फर्जीवाड़े के साइड इफेक्ट भी आ रहे सामने
आपसी मिलीभगत से जो फर्जी दस्तावेज बनाने और बनवाने का खेल चल रहा है। उसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। इसका असर झारखंड के उन बच्चों को झेलना पड़ रहा है जो उसके असली हकदार हैं। लेकिन प्रशासनिक विफता के कारण गलत कैंडिडेट उसका लाभ उठा ले जा रहे हैं। जब बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से झारखंड कोटे की ही सीट भरी जायेगी तो उसके असली हकदारों का हक तो मारा ही जायेगा।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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