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Jharkhand Cabinet Meeting: नियोजन नीति से हटी 10वीं और 12वीं की बाध्यता, जानिए और किन एजेंडों पर लगी मुहर

Jharkhand Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में कई  प्रस्तावों पर मुहर लगी है. कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने ओलंपिक खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाल खिलाड़ियों के नगद पुरस्कार में बढोत्तरी सहित 37 प्रस्तावों पर मंजूरी दी है. झारखंड मंत्रालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा वित्त मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री जोबा मांझी मौजूद रहे.बैठक में मैट्रिक में पास होने वाले परीक्षार्थियों को प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान जिन्हें मिलेगा, उन्हें कम से कम तीन लाख, दो लाख और एक लाख की नगद राशि दी जाएगी. इसके साथ लैपटॉप योजना का भी लाभ दिया जाएगा.

जेएसएससी के कई नियुक्ति नियमावली को भी वापस लिया

कैबिनेट (Jharkhand Cabinet Meeting) की बैठक में नियोजन नीति के संशोधन को मंजूरी देते हुए झारखंड से मैट्रिक और इंटर पास होने की पात्रता को समाप्त कर दिया गया है. पहले सरकार ने यह नियम बनाया था कि नई नियोजन नीति में नौकरी के लिए उन्हें ही माना जाएगा जो लोग मैट्रिक और इंटर की परीक्षा झारखंड से पास हुए होंगे.अब रोजगार के लिए झारखंड के ही शैक्षणिक संस्थानों से 10 वीं और 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण होने की बाध्यता हटा दी गई है. हेमंत कैबिनेट में जेएसएससी के कई नियुक्ति नियमावली को भी वापस ले लिया गया है. नियमावली वापस लेते ही पूर्व की नीति यानी 2016 से पहले की नीति राज्य में लागू हो गई है. युवाओं से मिली सलाह के बाद हेमंत सरकार ने यह फैसला लिया है. इन नियमावलियों में सरकार ने संशोधन किया है. बता दें कि रघुवर सरकार की 2016 के समय की 13 जिला और 11 जिलों की नियोजन नीति को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर चुका है. वहीं, हेमंत सरकार की नियोजन नीति 2021 को झारखंड हाई कोर्ट रद्द कर चुका है.

स्थानीय रीति-रिवाज, परंपरा की जानकारी की शर्त भी हटेगी

हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़ी हेमंत सरकार की 2021 की नीति में क्षेत्रीय भाषा के पत्र के रूप में हिंदी को मान्यता नहीं दी गई थी. इस बार इसे क्षेत्रीय भाषा के वैकल्पिक पत्र के रूप में रखा जाएगा. परीक्षाओं में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के लिए स्थानीय रीति-रिवाज, परंपरा की जानकारी की शर्त भी हटेगी.इसके तहत पदों में 60:40% आरक्षण का पालन होगा. 60 %आरक्षण में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग शामिल रहेंगे.

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