Jharkhand News: यूँ तो अक्सर ही झारखण्ड की माटी से जुड़ा कोई न कोई तबका हमेशा से आन्दोलन का परचम बुलंद करते दिखायी देते रहता है. कभी छात्र तो कभी दैनिक वेतन भोगी तो डॉक्टर शिक्षक | लेकिन लगता है कि झारखंड की समस्याएं अब सिर्फ इसी राज्य तक सिमट का नहीं रह गयी हैं, क्यूंकि एक शख्स ने इस आन्दोलन के बिगुल को अब देश की राजधानी दिल्ली में फूंकने का काम किया है.

दरअसल सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता राजेश कुमार ने अपने साथी एडवोकेट मोहन दीक्षित के साथ ‘आओ कभी चौराहे पर’ अभियान के तहत इस शनिवार को झारखंड के मुद्दों के साथ दिल्ली स्थित झारखंड भवन एवं दिल्ली मेट्रो में प्रदर्शन किया। राजेश ने कहा कि खनीज संपदा से परिपूर्ण झारखंड में एक ओर संतोषी जैसे ना जाने कितने बच्चे भूख से मर जाते हैं, पेट पालने के खातिर लाखों लोगों का दुसरे राज्यों में पलायन होता है। वहीं दुसरी ओर छवि रंजन और पूजा सिंघल जैसे अधिकारियों और कुछ नेताओं ने झारखंड को लूटखंड बना दिया है, झारखंड को लुटने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
दिल्ली में यह करने के पीछे उनका मकसद झारखंड के दर्द को देश के सामने लाना है। राजेश ने राज्य में कार्यरत सभी आईएएस अधिकारियों कि संपत्ति और स्रोतों की जाँच कि माँग की है और कहा कि अगर झारखंड में कार्यरत आईएएस अधिकारियों और नेताओं कि संपत्ति और उनके स्रोतों की जाँच हो जाये तो ऐसे लोगों के चेहरे सामने आ जायेंगे जो झारखंड को लूट रहे हैं।
राजेश ने कहा की हाल के दिनों में पूजा सिंघल, छवि रंजन जैसे बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार में पूरी तरह संलिप्त पाये गये हैं। जो पद और शक्ति उन्हें राज्य की सेवा के लिये दी गयी थी, उसका दुरूपयोग उन्होंने राज्य और राज्य की जनता को लूटने के लिये क़िया।
उन्होंने ना केवल भ्रष्टचार किया बल्कि झारखंड जैसे संसाधनों से भरपूर गरीब राज्य को लूट का चारागाह बनाने के लिये अपने शक्तियों के दुरुपयोग के द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण भी दिया है। ऐसे लोग व्यवस्था में लगे काले धब्बे के समान हैं, जिनका साफ होना आवश्यक है। अतः झारखंड और लोगों के हित में है कि राज्य में कार्यरत सभी आईएएस अधिकारियों कि संपत्ति और स्रोतों कि जाँच हो।
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