झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के अध्यक्ष शिबू सोरेन (Shibu Soren) बुधवार को अपना 79वां जन्म दिवस मना रहे हैं ।वहीं, झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) बुधवार को 64वर्ष के हो गए।
ऐसा रहा सियासी सफ़र
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी, 1944 को हुआ था। शिबू सोरेन के पिता सोबरन मांझी की 27 नवंबर 1957 को हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से ही शिबू सोरेन ने आदिवासी हितों के लिए आंदोलन किया। उन्होंने धान काटो आंदोलन चलाया। जमींदारों के खिलाफ उन्होंने जबर्दश्त आंदोलन चलाया। उन्होंने 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया। उन्होंने अलग झारखंड आंदोलन चलाया। जब आपातकाल की घोषणा हुई तो इंदिरा गांधी ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था. शिबू सोरेन ने तब सरेंडर कर दिया।

तीन बार बने मुख्यमंत्री
साल 1980 में पहली बार जीतने के बाद शिबू सोरेन 1989, 1991, 1996, 2002, 2004, 2009 और 2014 के आम चुनावों में भी यहां से जीतते रहे. इस बीच वो एक बार राज्यसभा गए. तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री भी रहे.1977 में शिबू सोरेन ने राजनीति में प्रवेश किया. पहली बार जब उन्होंने चुनाव लड़ा तो टुंडी से विधानसभा चुनाव हार गए। फिर उन्होंने संथाल को अपनी कर्मभूमि बनाया। 1980 में दुमका से पहली बार सांसद बने। वो यहां से 8 बार सांसद रह चुके हैं. दो बार वो राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. साल 2004 में वो केंद्रीय मंत्री भी बने।
बाबूलाल मरांडी का जन्मदिन
इनका जन्म 11 जनवरी 1958 को हुआ था को वर्तमान झारखण्ड के गिरिडीह जिले के कोदाईबांक नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम छोटे लाल मराण्डी तथा माता का नाम श्रीमती मीना मुर्मू है।

बाबूलाल मरांडी का सियासी सफर
अटल जी की सरकार में बाबूलाल मरांडी मंत्री भी रह चुके हैं । बीच में उन्होंने बीजेपी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई। बाद में उनकी पार्टी का बीजेपी में विलय हो गया।बाबूलाल मरांडी विश्व हिंदू परिषद के सक्रिय सदस्य भी रह चुके हैं।किसान परिवार में जन्म लेने वाले बाबूलाल मरांडी ने पहले प्राइमरी स्कूल में शिक्षक की नौकरी की। वहीं से उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1990 में वो बीजेपी के संंथाल परगना के संगठन मंत्री बने। उन्होंने एक बार शिबू सोरेन को लोकसभा चुनाव में हराया। साल 2000 में झारखंड बनने के बाद वो राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। 2003 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा। 2006 में उन्होंने अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया। 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा ने चुनाव लड़ा। 2020 उन्होने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया।
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