झारखंड-बिहार राजनीति करने में अव्वल, सोशल स्टेटस देने में फिसड्डी क्यों?
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स में पुडुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा सबसे बेहतर राज्य हैं, जबकि इस सूचकांक में झारखंड सबसे नीचे है। आलम यह है कि मिजोरम, हिमाचल जैसे राज्यों का प्रदर्शन झारखंड से बेहतर है।. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पटीटिवनेस एंड सोशल प्रोग्रेस इम्परेटिव के साथ मिलकर ये आंकड़े जारी किए हैं।
अंक के आधार पर पूरे देश को छह कैटेगरी वेरी हाई सोशल प्रोग्रेस (पुडुचेरी से केरल), हाई सोशल प्रोग्रेस (जम्मू-कश्मीर से अंडमान निकोबार द्वीप), अपर मिडिल सोशल प्रोग्रेस (उत्तराखंड से मणिपुर), लोअर मिडिल सोशल प्रोग्रेस (हरियाणा से राजस्थान), लो सोशल प्रोग्रेस (उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश), वेरी लो सोशल प्रोग्रेस (असम से झारखंड) में बांटा गया। राजनीति करने में झारखंड और बिहार भले ही बहुत आगे हैं, यहां चिंता इस बात की होती है कि वोट प्रतिशत कैसे बढ़े, लोगों के सोशल प्रोग्रेस से क्या होगा? शायद इसीलिए ये दोनों राज्य अपनी जनता को बेहतर सोशल स्टेटस देने में असफल रहे हैं।
सामाजिक प्रगति सूचकांक आकलन के ये हैं आधार
सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स के लिए 12 पैमाने तय किये गये हैं। इनमें लोगों की मूलभूत जरूरतों और संभावनाओं, पोषण, मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं, पानी, साफ सफाई, सुरक्षा, रहन-सहन, पर्यावरण की स्थिति और आधुनिक शिक्षा तक पहुंच को आधार बनाया गया है।
किसके, कितने अंक
- पुडुचेरी- 99
- लक्षद्वीप- 89
- गोवा- 53
- सिक्किम- 10
- मिजोरम- 19
- तमिलनाडु- 33
- हिमाचल प्रदेश- 28
- चंडीगढ़- 37
- केरल-05
- जम्मू-कश्मीर- 76
- पंजाब- 23
- दादर और नागर हवेली दमन और दीव- 81
- लद्दाख- 53
- नगालैंड- 24
- अंडमान निकोबार द्वीप- 76
- उत्तराखंड- 26
- कर्नाटका- 77
- अरुणाचल प्रदेश-56
- दिल्ली- 28
- मणिपुर-27
- हरियाणा- 15
- गुजरात- 81
- आंध्र प्रदेश- 60
- मेघालय- 22
- पश्चिम बंगाल- 13
- तेलंगाना- 11
- त्रिपुरा- 70
- छत्तीसगढ़- 36
- महाराष्ट्र- 86
- राजस्थान- 69
- उत्तर प्रदेश- 16
- ओडिशा- 19
- मध्य प्रदेश- 11
- असम- 92
- बिहार- 47
- झारखंड- 95
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