न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
दो दिन, दो राजनीतिक नजारे, लेकिन दोनों में जमीन-आसमान का अंतर। एक दिन पहले यानी गुरुवार को ईडी की कार्रवाई से मर्माहत झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने कार्यकर्ताओं के सामने ‘मरने-मारने’ पर उतारू थे, वहीं आज यानी शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने उन्हीं हेमंत सोरेन से विनम्रता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हवाला देते हुए आग्रह किया कि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग करें।
बता दें, झारखंड के राजनीतिक हालात के बीच दिल्ली प्रवास बीच में छोड़कर झारखंड वापस लौटे भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हेमंत सोरेन के उठाये गये सवालों का जवाब भी दिया और उन्हें सलाह भी दी, लेकिन बगैर आक्रामक हुए, पूरी शालीनता के साथ
बाबूलाल ने सीएम हेमंत के भाजपा पर षड्यंत्र करने का जवाब भी शालीनता से दिया कि अगर सीएम राज्य में हो रही घटनाओं का संज्ञान पहल ले लेते तो आज उन्हें ये दिन नहीं देखने पड़ते। सीएम का भाजपा कार्यकर्ताओं को अगर धमका रहे हैं तो यह उनकी हताशा है। सीएम सही हैं या गलत यह तो जनता तय लेगी।
लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष दो पहिए
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यही तो खूबसूरती है कि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष उसके दो पहिए हैं। सरकार (सत्ता पक्ष) अपने रास्ते से भटक न जाए इसके लिए विपक्ष की कोशिश होती है कि वह उसे रास्ते पर लाने का प्रयास करे। सरकार सही तरीके से चले, इसके लिए दोनों पहियों का सही दिशा में चलना जरूरी है। बाबूलाल ने यह भी कहा कि हेमंत सरकार के 3 साल हो गये हैं। भाजपा ने लगातार सरकार को रचनात्मक सहयोग किया है और आगे भी करती रहेगी। सरकार अच्छी तरह से काम करे इसके लिए सरकार को हिदायत देते रहते हैं… पत्र लिखकर सचेत करते रहते हैं। सरकार अपना दायित्व निभाती रहती है, विपक्ष अपना दायित्व निभाता रहता है।
अवैध खनन पर किया सचेत
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के इसी दायित्व को निभाते हुए साहिबगंज में हो रहे अवैध उत्खनन पर हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर वहां क्या गड़बड़ी हो रही है, उसके लिए सचेत किया था। सीएम इन घटनाओं का संज्ञान पहले लेते तो आज उन्हें ये दिन नहीं देखने पड़ते। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे अलावा सत्ता पक्ष के नेता भी इस मामले पर आवाज उठाते रहे हैं।
थोड़ी उंगलियां भी उठायीं
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर थोड़ी उंगलियां भी उठायीं। सीएम हाउस में तैनात जवान का एके-47 किसी और के घर पर मिला, क्या वह व्यक्ति सीएम से भी ज्यादा पावरफुल है? सीएम सचेत रहते तो आज उन्हें इसका खमियाजा नहीं भुगतना पड़ता। समन जारी हो गया है तो बौखला गये हैं। मुख्यमंत्री धमकी देने पर उतर गये हैं। आप मुख्यमंत्री हैं, कानून का पालन करना आपका सबसे बड़ा दायित्व है। सरकार के विरोध में बोलने वाले को गलत मान कर फंसाने वाला बताने लगे हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एटीएस से 10-10 घंटे पूछताछ में सहयोग किया था। तब तो उन्होंने कोई रैली नहीं निकाली, कोई प्रदर्शन नहीं किया, कोई हो-हल्ला नहीं किया।
इन सारी बातों को कहने के बाद बाबूलाल ने यही कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विनम्र होकर ईडी के सामने के प्रस्तुत हो और जांच एजेंसी से सहयोग करें।
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