सितम्बर में ही झारखंड विधानसभा का चुनाव कराना चाहता है निर्वाचन आयोग! आखिर क्या है गणित?

Jharkhand assembly elections in September itself! What is the maths?

खबर आ रही है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव सितम्बर महीने में ही खत्म हो जायेंगे। मगर कैसे? क्योंकि सितम्बर महीना खत्म होने में अभी दो महीने से कुछ ज्यादा दिन शेष हैं, मगर अभी तो निर्वाचन आयोग ने न तो चुनाव की तिथियों की घोषणा की है, और न ही अभी आदर्श आचार संहिता लागू है। 20 अगस्त को निर्वाचन आयोग झारखंड के मतदाताओं की अंतिम मतदाता सूची जारी करेगा। तो क्यो उसके बाद झारखंड के चुनाव की तिथियां घोषित हो जायेंगी?

2024 के शेष बचे कुछ महीनों में निर्वाचान आयोग को चार राज्यों, झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव कराने हैं। हालांकि चारों राज्यों के विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर समाप्त हो रहा है। लेकिन खबर है कि निर्वाचन आयोग इन चारों राज्यों में एक साथ चुनाव सम्पन्न कराना चाहता है। हम सभी जानते हैं कि साल के आखिरी चार महीने पर्व-त्यौहारों को लेकर काफी अहम समय होता है। इन चार महीनों में नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, छठ आदि तो पड़ते ही है। फिर साल के आखिरी दिनों में क्रिसमस और गुरु पर्व की भी धूम रहती है। इन सभी राज्यों में अक्टूबर से दिसम्बर के बीच चुनाव होते आ रहे हैं। तो फिर निर्वाचन आयोग पहले चुनाव क्यों कराना चाहता है?

कुछ दिनों पहले जब झारखंड में अक्टूबर महीने में चुनाव कराये जाने की चर्चा शुरू हुई थी तब झामुमो ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि अगर पर्व के दिनों में निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराया तो न सिर्फ इसका विरोध होगा, बल्कि पार्टी आन्दोलन करेगी।

तो क्या इसी को ध्यान में रखकर निर्वाचन आयोग सितम्बर तक ही विधानसभा चुनाव करा लेना चाहता है? खबर तो यह भी है कि इस बार झारखंड में तीन चरमों में ही चुनाव सम्पन्न होंगे। तो इतने कम समय में चुनाव कैसे सम्पन्न होंगे? इसका जवाब हमें पिछले विधानसभा चुनाव की तिथियों में ढूंढना पड़ेगा। 2019 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे तब आदर्श आचार संहिता 1 नवम्बर को लागू हुई थी। पहले चरण के चुनाव की अधिसूचना 6 नवम्बर को, दूसरे चरण के चुनाव की अधिसूचना 11 नवम्बर को और तीसरे चरण की अधिसूचना 16 नवम्बर को जारी हुई थी। झारखंड में पहले तीन चरण के मतदान 30 नवम्बर, 7 दिसम्बर और 12 दिसम्बर हो हुए थे। तो कुल मिला कर 42 दिनों में झारखंड के तीन चरणों का मतदान सम्पन्न हो चुका था। अगर निर्वाचन आयोग, जैसी की खबर है, 22 या 24 अगस्त को चुनाव तिथियों की घोषणा कर सकता है। अगर 22 अगस्त को आदर्श आचार संहिता लागू कर दी जाये तो पिछले विधानसभा की तरह 42 दिनों में इस बार का चुनाव 7 अक्टूबर तक सम्पन्न हो पायेगा। अक्टूबर की 3 तारीख से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। दशहरे की धूम षष्ठी से शुरू होती है। तो इस बार नवरात्रि की षष्ठी 8 अक्टूबर तो पड़ेगी। तो क्या 7 अक्टूबर तक निर्वाचन आयोग चुनाव सम्पन्न करायेगा?

मगर यहां दो बातें और हो सकती है। जैसा कि पिछली बार 30वें दिन चुनाव पहले चरण का मतदान हुआ था। वैसे अगर 22 अगस्त को आदर्श आचार संहिता लागू होती है तो उस हिसाब से 30वां दिन 19 सितम्बर को पड़ेगा। यानी पहले चरण का चुनाव 19 सितम्बर को कराने के बाद 5-5 दिन के अंतर पर चुनाव कराया जाये तो दूसरे चरण का मतदान 24 सितम्बर और तीसरे चरण का चुनाव 29 सितम्बर को सम्पन्न हो सकता है। दूसरा उपाय यह हो सकता है कि तीन के बदले दो चरणों में ही झारखंड का चुनाव कराया जाये। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि झारखंड में तो 81 सीटों पर चुनाव है, महाराष्ट्र की 288 सीटों का मतदान एक ही चरण में सम्पन्न होता है। झारखंड के चुनाव में असल में क्या होगा, इसके लिए समय का इन्तजार करना होगा।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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