न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
हजारीबाग में एनटीपीसी के लिए हुए भूमि अधिग्रहण में कथित मुआवजा घोटाले पर झारखंड हाई कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस भूमि अधिग्रहण में तीन हजार करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाला होने का आरोप लगा है। इसी को लेकर मंटू सोनी की ने जनहित याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें अदालत ने केंद्र सरकार से और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मंटू सोनी की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता और मदन कुमार ने पक्ष रखा। अब अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को करेगा।
जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को चार सप्ताह में शपथ-पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के दौरान ईडी ने पक्ष रखा। ईडी की ओर से अदालत को बताया गया कि केरेडारी थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई है।
क्या है मामला?
एनटीपीसी के लिए भूमि अधिग्रहण से सम्बंधइत भूमि-मुआवजा का यह मामला 2016 का है। 2016 में तत्कालीन उपायुक्त मुकेश कुमार की अनुसंशा पर, राज्य सरकार ने रिटायर्ड आईएएस देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित की थी। एसआईटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट में भूमि मुआवजो के 3000 करोड़ रुपये का बताते हुए राज्य सरकार को 300 करोड़ मुआवजा बांटे जाने की जानकारी दी थी। वहीं याचिकाकर्ता मंटू सोनी के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ एनटीपीसी के प्रबंध निदेशक और हजारीबाग उपायुक्त को पत्राचार किया गया है।
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