न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
कौशल विकास केंद्र में 38 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर की नियुक्ति सही पायी जाने के बाद भी उनका वेतन भुगतान नहीं किये जाने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। वोकेशन टेनिंग प्रोवाइडर की नियुक्ति की गयी थी। इसके बाद ACB की जांच में भी उनकी नियुक्ति को क्लीन चिट मिल जाने के बाद भी उनका वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा। इस पर याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूछा कि भुगतान रोके जाने की जांच क्यों न CBI से करवाई जाये।
बता दें, वेतन भुगतान रोके जाने को लेकर याचिकाकर्ता इश्मत अंसारी ने याचिका हाई कोर्ट में दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नाराजगी जाहिर श्रम विभाग से सवाल किया कि क्यों न मामले की जांच सीबीआई से करा ली जाये।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश कुमार के कोर्ट में श्रम विभाग के सचिव उपस्थित थे. उनसे कोर्ट ने पूछा कि इस मामले की जांच क्यों न सीबीआई से करवाई जाये, इसका जवाब वह शपथपत्र के माध्यम से दें। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को निर्धारित की है। बता दें, प्रार्थी इश्मत अंसारी की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार ने अदालत में पक्ष रखा।
गौरतलब है कि कौशल विकास केंद्र में कई VTP (वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर) की नियुक्ति की गयी थी. जिसमें से 38 की जांच ACB द्वारा की गयी और उन्हें क्लीन चिट भी मिल गयी। क्लीन चिट मिलने के बाद भी इनके वेतन का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है।
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