मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन क्या झारखंड की मुख्यमंत्री बनने वाली हैं? यह सवाल एक बार फिर उछला है। यह सवाल उठाया है गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने। लेकिन साथ में ही उन्होंने कुछ याद भी दिलाया है।
दरअसल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर से समन मिला है। सीएम हेमंत को यह सातवां समन है। इसके पहले छह बार ईडी समन भेज चुका है। सातवीं बार समन भेज कर चूंकि ईडी ने थोड़ी सख्ती दिखायी है तो इसको लेकर राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की हलचलें और अटकलें हैं। इसी बीच डॉ निशिकांत दुबे के ‘X’ पर किये गये पोस्ट ने राजनीतिक सरगर्मी को थोड़ी और बढ़ा दी है। अपने पोस्ट में उन्होंने हेमंत सोरेन के इस्तीफे और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाये जाने की बात कही है। परन्तु इस चर्चा के बीच भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने मुंबई कोर्ट के आदेश की याद दिलाई है।
डॉ दूबे ने सोशल मीडिया ‘X’ पर लिखा कि इस मामले में झारखंड के राज्यपाल को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए। झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर, 2019 को हुआ। सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता।
सांसद ने आगे लिखा कि मुंबई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा के निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता। काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में ख़ाली हुआ, तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन था। यदि कल्पना सोरेन कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे बनेंगी? कांग्रेस झारखंड को चारागाह बनाने की कोशिश कर रही है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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