झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के लिए एक नयी आवास योजना ‘अबुआ आवास योजना’ के शुरुआत की घोषणा है। मुख्यमंत्री हेमंत ने स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन के बाद अपने सम्बोधन के दौरान ऐलान किया कि ‘हमने राज्य के लोगों से वादा किया था कि सभी को 3 कमरे का आवास उपलब्ध करवाएंगे। अपने वादे को पूरा करते हुए आज हम इस मंच से एक नई योजना अबुआ आवास योजना की घोषणा करते हैं। आगामी 2 वर्ष में लगभग 15 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर राज्य सरकार अपनी निधि से अपने जरूरतमंद लोगों को आवास उपलब्ध करवाएगी।‘
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ‘अबुआ आवास योजना’ को बड़ी घोषणा माना जा रहा है। क्योंकि आवास हर किसी की एक बड़ी आवश्यकता है। भारत में यह विडम्बना है कि अधिकांश लोगों के पास आज भी अपना कोई घर नहीं है। आजादी के बाद भी बहुत देर से गरीब जनता की इस जरूरत को महसूस किया गया। यानी देश के बेघर लोगों को घर देने का काम बहुत बाद से शुरू हुआ। 1985-86 में पहली बार कांग्रेस सरकार इंदिरा आवास नाम की योजना की शुरुआत की थी, आज यह योजना जारी है, लेकिन इसका नाम बदल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद इस आवास योजना का नाम बदल कर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह योजना आज भी इसी नाम से जारी है। अलग-अलग राज्यों में कई राज्य सरकारें प्रधानमंत्री आवास योजना से अलग आवास योजनाएं चला रही हैं। सबका उद्देश्य यही है कि उनके राज्य में जरूरतमंदों को छत मुहैया करायी जा सके। यही काम अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने किया है। इस योजना का उद्देश्य कमजोर वर्ग के लोगों पक्का घर बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है। सरकार पुराने घर को पक्का करने में भी सरकार आर्थिक रूप से मदद करेगी। इस योजना की खास बात यह है कि यह आवास लाभुकों को उनके नाम पर आवंटित किया जायेगा जो बाद में उनके वारिस के नाम हो जायेगा।
क्या है यह योजना और कैसे मिलेगा इसका लाभ?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने अबुआ आवास की जिस योजना की घोषणा की है, फिलहाल उसका स्वरूप कैसा होगा, उसके लिए राज्य के लोगों को अभी इंतजार करना होगा। अभी सिर्फ इतना ही तय है कि राज्य सरकार इस योजना पर अगले दो वर्षों में 15,000 करोड़ से ज्यादा का खर्च करेगी। लाभुक को कितनी राशि की सहायता मिलेगी, कौन-कौन लोग इस योजना के पात्र हैं, लाभुकों के पास कौन-कौन से डॉक्युमेन्ट की जरूरत होगी, यह सब अभी तय नहीं है। हो सकता है कुछ दिनों में इसकी रूपरेखा तैयार कर इसे सार्वजनिक कर दिया जायेगा। तब तक इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना
पूरे देश की तरह झारखंड में भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चल रही है। यह योजना 2015 में पूरे देश के लिए शुरू की गयी थी। इस योजना के माध्यम से केन्द्र सरकार गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराती है। इसमें वैसे लोग जो झोपड़ी-झुग्गी में रहते हैं, उन्हें पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए ही यह योजना शुरू की गई है। फिर जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उनके लिए यह योजना भी वरदान से कम नहीं है। इस स्कीम की खासियत यह है कि लाभुक को आवंटित राशि और सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में जाती है।
बजट सत्र में हेमंत सरकार ने 50000 अतिरिक्त देने का किया था ऐलान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अबुआ आवास योनजा से पहले इस योजना के लाभार्थियों को अतिरिक्त लाभ देने की घोषणा की थी। झारखंड सरकार ने 2022-23 के विधानसभा बजट में यह घोषणा की थी कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को एक अतिरिक्त कमरा बनवाने के लिए 50,000 रूपए की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जायेगी। लेकिन अब राज्य सरकार ने इस योजना को और अपग्रेड करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना से अलग एक नयी आवास योजना की शुरुआत का ऐलान कर दिया है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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