सीबीआई कोर्ट ने 26 साल पुराने चारा घोटाला मामले में 89आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि 35 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने 52 को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनायी है जबकि 37 दोषियों को 3 साल से अधिक की सजा सुनाई गयी है। बता दें, 24 जुलाई को सभी पक्षों का बयान दर्ज करने के बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिन 35 लोगों को कोर्ट ने बरी किया है, इसमें एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का नाम शामिल हैं। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने फैसला सुनाया है।
बता दें, चारा घोटाला का यह कांड आरसी 48ए/96 डोरंडा कोषागार से जुड़ा हुआ है जहां से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी की गयी थी। इस मामले में 124 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में सीबीआई की ओर से 594 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। डोरंडा कोषागार से यह अवैध निकासी वर्ष 1990-91 एवं 1994-95 के दरमियान फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गई थी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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