आत्महत्या शब्द अपने आप में ही दिल को दहलाने वाला शब्द है। लेकिन जिन्होंने मौत को गले लगाया होगा, ऐसा करते हुए उनके दिलों पर क्या गुजरी होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इस त्रासदी से समाज का हर वर्ग गुजर रहा है, लेकिन पुलिस महकमे से एक के बाद एक आती खबरें अलग ही सवाल पैदा करती हैं। यह समाज के लिए चिंता का विषय तो है ही, पुलिस महकमे के लिए यह अलग ही टेंशन की है। उसके लिए एक जवान खोना असाधारण क्षति है। शुक्रवार को लोहरदगा के एक जवान के आत्महत्या की खबर आयी थी। इस जवाब की आत्महत्या के साथ राज्य में इस साल आत्महत्या करने वाले पुलिस जवानों की संख्या 12 हो गयी। यानी 12 महीने में झारखंड ने अपने 12 जांबाजों को खोया है। फिर भी सवाल है कि आत्महत्या, मगर क्यों, आखिर किस तनाव से गुजर रहे थे हमारे ये जवान। घरेलू, सामाजिक या फिर विभागीय तनाव।
- 20 दिसंबर को लोहरदगा जिले के कुड़ू थाना क्षेत्र के कोलसिमरी गांव में 32 वर्षीय रामू महतो ने फांसी लगाकर जान दे दी। रामू महतो की पोस्टिंग सिमडेगा पुलिस लाइन में थी। वह 13 दिसंबर को छुट्टी लेकर घर आये थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच बतायी है कि जवान ने पारिवारिक कलह में खुदकुशी की है।
- 9 दिसंबर को धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ के कैंप में तैनात हवलदार नंदकिशोर सिंह की खुद की राइफल से गोली लगने से मौत हो गयी थी। आशंका जतायी जा रही है कि उन्होंने खुदकुशी की थी।
- 26 नवंबर को धनबाद के बलियापुर में इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के एक जवान संदीप कुमार सिंह ने खुद को गोली मार लिया था। संदीप उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग का रहने वाला था और झारखंड में चुनाव के दौरान उसकी ड्यूटी लगी थी।
- 5 नवंबर को लोहरदगा के भंडरा थाना क्षेत्र के राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय स्थित कैंप में विधानसभा चुनाव ड्यूटी करने पहुंचे एसएसबी के जवान अनप्पा दुग्गाल ने अपनी इंसास राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
- 2 अक्टूबर को रांची में नगड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत सेंबो गांव में सीआरपीएफ कैंप में राहुल कुमार नामक जवान ने ड्यूटी के राइफल से खुद को गोली मार ली थी।
- 2 अक्टूबर को ही रांची के एयरपोर्ट थाना के पोखर टोली में एनडीआरएफ के एक जवान जय लकड़ा का शव पेड़ से लटका पाया गया था।
- 1 अक्टूबर को चाईबासा जिले के कराईकेला में झारखंड पुलिस के एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने भी खुद को गोली मारकर जान दे दी थी।
- 25 जुलाई को चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के शीला ओपी स्थित सीआरपीएफ 22वीं बटालियन कैंप में आशीष कुमार नामक जवान ने खुदकुशी कर ली थी।
- जुलाई में ही लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के करमडीह पिकेट में पदस्थापित जवान प्रमोद सिंह की मौत उसके ही हथियार से गोली चलने की वजह से हो गई थी।
- 18 जून को बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 में एक सीआईएसएफ जवान संजीत ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली थी।
- 31 मई को हजारीबाग डीआईजी आवास में तैनात जिला पुलिस के 31 वर्षीय जवान विकास कुमार ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली थी।
- 6 फरवरी को चतरा स्थित सीआरपीएफ 190 बटालियन कैंप में कैलाश चंद मेहरा नामक जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिला के लोहड़ी गांव का रहने वाला था।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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