रात को नींद नहीं आना अच्छा नहीं, हेल्दी खायें, स्वस्थ रहें, फिर लें गहरी नींद

स्वस्थ रहने के लिए रात को 8 घंटे नींद लेना बेहद जरूरी है। लेकिन बहुत से लोग हैं, जिन्हें रात को नींद नहीं आती। कई लोग तो नींद आने का घंटों इंतजार करते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनमें आज की भागदौड़ भरी दिनचर्या बहुत बड़ा कारण है। कुछ भी हो अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरी नींद जरूरी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए आपको डॉक्टरों के चक्कर भी लगाने की जरूरत नहीं है, यह तो आपके हाथ में है।

हमारी दिनचर्चा तो अलग मैटर है, लेकिन हम क्या खाते हैं इसका भी असर भी हमारी नींद पर पड़ता है। नींद की गुणवत्ता सुधारने और रात को अच्छी नींद लेने के लिए, ऐसा खाना खाना ज़रूरी है जो आपके दिमाग और शरीर को आराम दे, न कि ऐसा खाना जो हमें असहज कर दे।

नींद की गुणवत्ता का दैनिक जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि नींद से वंचित होने से व्यक्ति की उत्पादकता और काम पर एकाग्रता प्रभावित हो सकती है। ऐसे में संभावित रूप से चिड़चिड़ापन और मूड खराब हो सकता है। कई अध्ययनों में नींद की मात्रा और गुणवत्ता और मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा और अवसाद के बढ़ते जोखिम जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के बीच संबंध पाया गया है।

आहार संबंधी कारक बेहतर नींद लाने में हो सकते हैं कारगर

अध्ययन बताते हैं कि आहार संबंधी कारक रात में बेहतर नींद दिलाने में भूमिका निभा सकते हैं। यानी कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन आराम और विश्राम को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। रात में ज़्यादा वसा वाली चीज़ें और भारी, ज़्यादा खाना खाने से बचना चाहिए। शाम को या सोने से ठीक पहले भारी खाना खाने से अपच होता है जो अनिद्रा का कारण बन सकता है। इसी तरह, पेट भरकर लेटने से भी अपच और सीने में जलन हो सकती है।

रात के बीच में भूख लगने से नींद में बाधा आ सकती है। भूख से बचने के लिए, सोने से पहले हल्का नाश्ता करने से नींद अच्छी आती है। एक गिलास दूध, कुछ बिस्कुट, डार्क चॉकलेट का एक छोटा टुकड़ा या फल का एक टुकड़ा आदर्श होगा।

सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने से आपको आराम करने और नींद में बने रहने में मदद मिल सकती है। सोने से पहले दूध पीने की कोशिश करें। डेयरी उत्पादों में ट्रिप्टोफैन होता है, जो एक आवश्यक अमीनो एसिड है, जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे नींद लाने वाले मस्तिष्क रसायनों के उत्पादन में मदद करता है। कम सेरोटोनिन स्तर वाले लोगों को सोने में कठिनाई हो सकती है।

कुख विशेषज्ञ नींद आने के लिए सोने से पहले थोड़ी मात्रा में शराब पीने की सलाह देते हैं। लेकिन बहुत ज़्यादा शराब पीने से अनिद्रा की समस्या हो सकती है। बहुत ज़्यादा शराब पीने से रैपिड आई मूवमेंट नींद की अवस्था दब सकती है जो रात में अच्छी नींद के लिए ज़रूरी है। शराब पीने से शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है और आपको प्यास भी लग सकती है, जिससे आपकी नींद में खलल पड़ सकता है।

कैफीन युक्त पेय पदार्थ या खाद्य पदार्थ (जैसे चॉकलेट, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक) नींद को प्रभावित कर सकते हैं। अपने कैफीन के सेवन पर नज़र रखें। कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है जो लोगों को प्रभावित करता है, यह सेवन की गई मात्रा पर निर्भर करता है। अगर आप कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं और आप अच्छी नींद लेना चाहते हैं, तो अपने सेवन को कम करें या केवल सुबह तक ही सीमित रखें।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

यह भी पढ़ें: बजट 2025 में आम उपभोक्ता को भी हुआ फायदा, जानें कौन-कौन सी चीजें होंगी सस्ती