Ranchi: पुलिस ने झारखंड में आईपीएस, डीएसपी और दारोगा के मनचाहे ट्रांसफर और पोस्टिंग कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच आरोपियों को हिरासत में लिया है। पकड़े गए आरोपियों में सज्जाद उर्फ मुन्ना, कैप्टन सिंह सलूजा, सूर्य प्रभात (रांची), आयन सरकार और चंदन लाल (जमशेदपुर) शामिल हैं। पुलिस ने कोतवाली थाने में सनहा दर्ज कर आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
जांच के दौरान पता चला कि गिरोह के सदस्यों ने कई पुलिस अधिकारियों से मनचाही पोस्टिंग कराने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए एडवांस वसूले थे। हालांकि, अभी तक कोई अधिकारी सामने आकर इसकी शिकायत दर्ज कराने को तैयार नहीं है। पुलिस का मानना है कि लगभग एक दर्जन पुलिस अधिकारी इस गिरोह के संपर्क में थे।
गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल से पुलिस अधिकारियों के साथ हुए वाट्सएप चैट बरामद हुए हैं, जिनमें ट्रांसफर-पोस्टिंग की बातों का जिक्र है। तीन अधिकारियों ने अपनी पोस्टिंग धनबाद में कराने की मांग की थी। आरोपी, एक रसूखदार व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल कर अफसरों से पैसे वसूल रहे थे।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारी इसकी जांच पर नजर बनाए हुए हैं। संभावना है कि इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी जाएगी, ताकि ट्रांसफर-पोस्टिंग के इस गोरखधंधे की तह तक पहुंचा जा सके। पुलिस को फिलहाल कार्रवाई के लिए किसी शिकायतकर्ता का इंतजार है। लेकिन, इसमें सबसे बड़ी बाधा यह है कि शिकायत करने वाला अधिकारी खुद इस गोरखधंधे में शामिल होने का जोखिम नहीं लेना चाहता। ऐसे में पुलिस और प्रशासन इस मामले पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। इस मामले ने झारखंड पुलिस प्रशासन में ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना अहम होगा कि सीआईडी और पुलिस प्रशासन इस मामले को सुलझाने में कितनी तत्परता और पारदर्शिता दिखाते हैं।
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