टैरिफ नीतियां बनीं गले की हड्डी, अमेरिका में ट्रम्प के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां उन्हीं के गले पड़ गयी है। उनकी इन नीतियों के खिलाफ उनके देश में तो बवाल मचा ही हुआ है, अमेरिकी समेत एशियाई शेयर बाजारों में हाहाकार मच गया है। सोमवार को बाजार खुलते ही भारतीय सेंसेक्स 3,000 अंकों से अधिक टूट गया और 72,000 के नीचे आ गया। निफ्टी में भी करीब 1,000 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 21,800 के करीब पहुंच गया। इस बड़ी गिरावट के कारण निवेशकों को सुबह-सुबह ही 19 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है।
उधर, अमेरिका में भी ट्रम्प की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन चल रहा है। शनिवार को अमेरिका के कई राज्यों में ट्रम्प की नीतियों के विरोध में लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर और विरोध प्रदर्शन किया। अलग-अलग शहरों में बड़ी संख्या में लोगों ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ रैलिया निकालीं और अपनी बेबुनियादी नीतियों को वापस लेने की मांग की। यह ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन रहा है।
बता दें कि वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन, फ्लोरिडा, कोलोराडो और लॉस एंजिल्स सहित अन्य शहरों में विरोध रैली निकालने वाले लोग टैरिफ बढ़ोतरी, कर्मचारियों की छंटनी, अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और मानवाधिकार हनन समेत कई मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन करने वालों का मानना है कि सत्ता संभालने के बाद से ही ट्रम्प निजी हितों पर ज्यादा काम कर रहे हैं, जिससे देश को परेशानी में धकेल दिया है।
ट्रम्प की टैरिफ नीति से शेयर बाजारों में हाहाकार
अमेरिकी सरकार द्वारा टैरिफ नीति की घोषणा के बाद शेयर बाजारों में कोहराम मचा हुआ है। सोमवार एशिया के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखी गयी। जापान का निक्केई 6 प्रतिशत तक गिर गया, दक्षिण कोरिया 5 प्रतिशत टूटा और ताइवान का सूचकांक 10 प्रतिशत तक गिर गया। अमेरिकी शेयर वायदा बाजारों में भी 3-4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट आई है। बीएसई का सेंसेक्स आज 3,914.75 अंक टूट कर 71,449.94 अंक के स्तर पर खुला। निफ्टी में भी करीब 1,000 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 21,800 के करीब पहुंच गया। इस बड़ी गिरावट से निवेशकों को सुबह-सुबह ही 19 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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