Gautam Adani: हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट आयी और भारत के बड़े उद्योगपति गौतम अडाणी की हैसियत को मिट्टी में मिला गयी, लेकिन अडाणी ग्रुप धीरे-धीरे अपने आप को सम्भालते हुए फिर ऊंचाइयों की ओर बढ़ने लगा है। अब जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सेबी की समिति ने हिंडनबर्ग मामले में अडाणी ग्रुप को क्लीन चिट दे ही, उससे उसके कारोबार पर असर भी दिखने लगा है। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले दुनिया के तीसरे नम्बर के रईस गौतम अडाणी का साम्राज्य लगभग ढह गया था, और कम्पनी लुढ़कती हुई 27वें नंबर पर जा पहुंच गयी थी। मगर अब ग्रुप के कदम एक बार फिर ऊंचाई की ओर बढ़ने लगे है। गौतम अडाणी का रुतबा एशिया में ही नहीं, दुनिया में भी सुधरा है। दुनिया भर के रईसों की सूची में जहां अडाणी 18वें नंबर पर तो पहुंच गये हैं, एशिया में भी उनकी स्थिति ऐसी सुधरी कि नम्बर 2 रईस बन गये है। एशिया में नम्बर एक पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी विराजमान हैं। वहीं, तीसरे नंबर पर चीन के झोंग शानशान हैं।
अडाणी ग्रुप का नेटवर्थ भी सुधरा, शेयर मार्केट में सुधरे हालात
गौतम अडाणी वर्तमान में 64.2 अरब डॉलर की संपत्ति हासिल कर अमीरों की लिस्ट में अच्छी जगह बनायी है। हाल के दिनों में अडाणी के नेटवर्थ में 4.38 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई। इतना ही नहीं, अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भी अब तेजी दिखने लगी है। यह असर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की तरफ से क्लीनचिट दिए जाने का भी है। धीरे-धीरे अडाणी ग्रुप की कंपनियों पर निवेशकों का भरोसा लौटने लगा है।
हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप पर क्या लगाये थे आरोप?
ज्ञात होगा, हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी ग्रुप का पूरा साम्राज्य हिल गया था। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि अडाणी ग्रुप ने अपने शेयरों को हवा देने के लिये गलत तरीके अपनाये, शेयरों की कीमतों में अनाप-शनाप बढ़ोतरी करायी। साथ ही अडाणी ग्रुप पर यह भी आरोप लगा कि अडाणी ग्रुप ने अपनी कंपनियों के खातों में भी खेल कराया।
अडाणी के मजबूत होने के क्या हैं राजनीतिक मायने?
अडाणी ग्रुप का मजबूत होने के राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे हैं। ऐसा इसलिए कि अडाणी ग्रुप के भाजपा से नजदीकी सम्बंधों के आरोप हमेशा लगते रहे हैं। हालांकि न तो भाजपा और न ही अडाणी की ओर से इन नजदीकियों को लेकर कोई स्पष्टीकरण दिया गया है। लेकिन पीएम मोदी और गौतम अडाणी के गुजरात से होने के कारण खास कर कांग्रेस ने इस मुद्दे को हमेशा उछाला है। उद्योग जगत में अडाणी ग्रुप की हैसियत बढ़ना कांग्रेस के लिए चिंता बढ़ाने वाला हो सकता है, क्योंकि जब हिंडनबर्ग का मामला उछला था तब कांग्रेस ने ही अडाणी ग्रुप और पीएम मोदी पर सबसे ज्यादा हमले किये थे।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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