झारखंड में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। आने वाले दिनों में ऊर्जा के लिए इस पर अधिकाधिक निर्भरता भी बढ़ेगी। बिजली की समस्या झेल रहे झारखंड के लिए अच्छी खबर है कि राज्य को 200 मेगावाट सौर ऊर्जा (Solar Energy) की आपूर्ति आरंभ की जा चुकी है। सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया (सेकी) ने राज्य के लिए इस वर्ष 11 जनवरी से ही आपूर्ति शुरू कर दी है।
25 वर्षों तक 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलेगी बिजली
सौर ऊर्जा गुजरात के एजुन पावर द्वारा दी जा रही है। झारखंड बिजली वितरण निगम और सेकी के साथ दो वर्ष पूर्व इसे लेकर समझौता हुआ था। समझौते के अनुसार सेकी झारखंड को 700 मेगावाट बिजली अगले 25 वर्षों के लिए 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराएगा।
ट्रांसमिशन शुल्क कर दिया गया है माफ
बिजली की आपूर्ति में पावर ग्रिड कारपोरेशन ने ट्रांसमिशन शुल्क माफ कर दिया गया है। इस प्रकार राज्य को 25 वर्षों तक ट्रांसमिशन शुल्क भी नहीं लगेगा।
देवघर, सिमडेगा, पलामू व गढ़वा में सोलर पार्क होगा स्थापित
राज्य के चार जिलों देवघर, सिमडेगा, पलामू और गढ़वा में सोलर पार्क स्थापित करने का निर्णय किया है। हरेक सोलर पार्क की क्षमता 20 मेगावाट होगी। इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। इस पर राज्य सरकार ने भी सोलर पार्क के लिए जमीन चिन्हित करने का निर्देश भी दिया है।
सोलर एनर्जी से जगमगाएंगे झारखंड के 5 हवाई अड्डे
जानकारी के अनुसार, जिन हवाई अड्डों पर सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन इकाई की स्थापना की जानी है, उनमें रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट सहित देवघर, दुमका, बोकारो और गिरिडीह हवाई अड्डे शामिल हैं। जरेडा की योजना पूरे राज्य में 2021-22 में सोलर इकाइयों के जरिए लगभग दो हजार किलोवाट बिजली उत्पादन शुरू कर देने की है। इन पांचों हवाई अड्डों पर लगाई जाने वाली सौर ऊर्जा इकाइयों से कुल 600 किलोवाट की बिजली उत्पादित करने का लक्ष्य है।
प्रमुख सरकारी भवनों में भी सोलर पैनल लगाने की योजना पर भी चल रहा काम
झारखंड के प्रमुख सरकारी भवनों में भी सोलर पैनल लगाने और उन्हें बिजली की अपनी जरूरतों के हिसाब से आत्मनिर्भर करने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है। वर्ष 2021-22 में राज्य के कुल 1400 भवनों में सोलर पैनल लगाए जाने हैं। इनमें से लगभग 950 भवनों में यह काम पूरा कर लिया गया है। न्यायालय भवनों और बड़े स्कूलों में भी सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। सरकारी भवनों में सोलर पैनल लगने से 19 हजार 800 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादित होने की संभावना है। हालांकि, यह योजना साल 2018-19 की ही है, जिसे अब पूरा किया जा रहा है।
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