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भारत की सरकारी योजना देश से बाहर भी बनी मिसाल, लंदन के स्कूल करेंगे ‘मिड डे मील’ की शुरुआत

India's plan set an example outside the country, 'Mid Day Meal' started in London schools

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

देश में कई कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं। इसका कई स्तरों पर लोगों को फायदा मिल रहा है। ये योजनाएं अब देश के बाहर के लोगों को भी भाने लगी हैं। ऐसे में एक खबर लंदन से आयी है। खबर यह है कि लंदन के स्कूलों में ‘मिड डे मील’ योजना शुरू की जायेगी। चौंकने की जरूरत नहीं है, लंदन में वैसे तो भारत जैसे सामाजिक हालात नहीं हैं, लेकिन कोरोना काल में ब्रिटेन की आर्थिक व्यवस्था में काफी गिरावट आयी है। इसका असर आम लोगों को भी पड़ा है। आम लोगों को थोड़ी राहत दिलाने के लिए लंदन में एक छोटी सी शुरुआत की गयी है। इसके माध्यम से लोगों को कॉस्ट-ऑफ-लिविंग क्राइसिस से निपटने में मदद पहुंचाने का प्रयास किया गया है। स्कूलों में शुरू की जाने वाली यह योजना 23 सितम्बर से आरम्भ होगी। हालांकि प्रायोगिक तौर पर शुरू की गयी यह योजना फिलहाल एक साल के लिए होगी।

एक पायलट योजना के तौर पर शुरुआत

लंदन के मेयर सादिक खान ने प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त भोजन देने से जुड़ी इस योजना की घोषणा की है.। यह एक पायलट योजना होगी। इसकी शुरुआत सितंबर 2023 को होगी। इस योजना पर कुल 130 मिलियन पाउंड का खर्च का अनुमान लगाया गया है। 2023-24 के एकेडमिक ईयर में  लंदन में 2,70,000 से ज्यादा बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। प्रशासन को उम्मीद है कि ऐसा करने से परिवारों को प्रति वर्ष  440 पाउंड प्रति बच्चा बचाने में मदद मिलेगी। लंदन में इस योजना को शुरू करने के पीछे मुख्य मकसद वहां के लोगों के खर्चों में कटौती करना है। चूंकि ब्रिटेन इस वक्त आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराकर लंदन प्रशासन की मंशा है कि वहां के लोगों को कॉस्ट-ऑफ-लिविंग क्राइसिस से निपटने में मदद मिल सके। इस योजना का स्वागत भी किया जा रहा है और एक साल की योजना होने के कारण कुछ लोग थोड़े नाराज भ हैं।

भारत में 25 साल पहले शुरू की गयी थी मिड डे मील योजना

देश की बहुचर्चित मिड डे मील योजना की शुरुआत 25 पहले हुई थी। योजना की शुरुआत भारत में 1995 में हो गई थी। तब कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के को ही मध्याह्न भोजन यानी मिड डे मील दिया जाता था। लेकिन अक्टूबर 2007 में इस स्कीम को कक्षा 8 तक के लिए बढ़ा दिया गया।

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