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भारत के हाथ लगा भविष्य का ‘खजाना’, JK में मिला लिथियम का विशाल भंडार, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग भरेगा उड़ान

India's future 'treasure', huge reserves of lithium in JK

JK Lithium News: पृथ्वी का स्वर्ग कश्मीर अब देश को इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में स्वर्ग का अहसास करायेगा। क्योंकि यहां पर मिला है लाखों टन लिथियम का भंडार। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने देश में जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार का पता लगाया है। केंद्र सरकार ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। इसका मतलब है यह भविष्य में सबसे अधिक काम आने खजाना भारत के हाथ लगा। बता दें, लिथियम एक नॉन फेरस मेटल है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की बैटरी में इस्तेमाल किया जाता है। धीरे-धीरे ही सही इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढ़ रहा है, लेकिन लिथियम बैटरी के महंगे होने के कारण इलेक्ट्रिक वाहन अभी काफी महंगे हैं। अब चूंकि देश में ही लिथियम का अकूत भंडार हाथ लग गया है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को ऊर्जा मिलेगी, बल्कि ईवी खरीदने वालों को भी काफी सहूलियतें हो जायेंगी।

वर्तमान में चीन और आस्ट्रेलिया हैं सप्लायर

भारत में इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में जिस लिथियम का प्रयोग हो रहा है उसका बड़ा हिस्सा देश को चीन और आस्ट्रेलिया से मंगाना पड़ रहा है। क्योंकि चीन और ऑस्ट्रेलिया दुनियाभर में लिथियम के बड़े सप्लायर हैं। दुनिया आज जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है और वैकल्पिक ऊर्जा की तलाश कर रही है, ऐसे में आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन और बढ़ेगा यानी भविष्य में लिथियम की मांग तेजी से बढेगी। यानी भविष्य के लिहाज से बड़ा खजाना देश के हाथ लगा है। इसके अलावा खनन मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि लिथियम और गोल्ड सहित 51 खनिज ब्लॉक संबंधित राज्य सरकारों को सौंप दिए गए हैं। इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं और अन्य ब्लॉक 11 राज्यों में हैं, जिसमें जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल है। ये ब्लॉक पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल आदि जैसी वस्तुओं से संबंधित हैं।

क्या होता है लिथियम?

लिथियम एक रासायनिक तत्व है, जिसे सबसे हल्की धातुओं की श्रेणी में रखा जाता है। धातु होने के बाद भी यह चाकू या किसी नुकीली चीज से आसानी से काटा जा सकता है। इस पदार्थ से बनी बैटरी काफी हल्की होने के साथ-साथ आसानी से रिचार्ज हो जाती है।

आज इलेक्ट्रिक कारों और देश के कोने-कोने में चलने वाले ई-रिक्शा में लिथियम ई-बैटरी का इस्तेमाल होता है। मोबाइल फोन भी लिथियम-आयन बैटरी से चलते हैं। इस बैटरी के कारण करोड़ों सालों में बनने वाले जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता कम हुई।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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