देशवासियों के लिए यह बहुत बड़ी खबर है कि 2011 के बाद भारत में एक बार फिर जनगणना होने वाली है। वैसे तो हर 10 वर्ष बाद देश में जनगणना होती रही है, लेकिन इस बार 13 वर्षों बाद जनगणना होने जा रही है। कोरोना महामारी के कारण 2021 में प्रभावित होने से जनगणना इस बार 2025 में शुरू होने जा रही है। यह जनगणना 2025 से शुरू होकर 2026 तक चलेगी। इस जनगणना से जो नया होने जा रहा है, वह यह है कि 2025 से जनगणना शुरू होने के कारण इसका चक्र भी बदल जाएगा। पहले जनगणना हर 10 साल पर दशक के शुरूआत में होती थी, जैसे 1991, 2001, 2011 अब इसे बदलकर हर 10 साल में 2025, 2035, 2045, 2055 कर दिया जाएगा।
2025 में होने वाली जनगणना में क्या हो नया?
अब तक जनगणना में धर्म, वर्ग के अलावा सामान्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बारे में पूछा जाता था। अब इसके साथ संप्रदाय के विषय में भी जानकारी मांगी जा सकती है।
2025 की जनगणना का पूरी तरह से डिजिटल डाटा इकट्ठा किया जायेगा। खबरों के अनुसार सरकार जनगणना के लिए एक सॉफ्टवेयर भी तैयार कर रही है। कुछ महीना पहले यह भी खबर आयी थी कि केन्द्र सरकार देश में जनगणना के झंझट को ही खत्म करना चाहती है। नये सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद हर समय ताजा आंकड़े इकट्ठा करने की योजना पर भी सरकार काम कर रही है।
जनगणना का कार्य पूरा होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन भी किया जाना है। इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। अगर एक देश एक चुनाव विधेयक संसद में पास होता है तो लोकसभा सीटों के परिसीमन में सीटें बढ़ सकती हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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