Indian Army:ग्लोबल फायर पॉवर की ओर से जारी की गई ‘सैन्य ताकत सूची 2023’ के मुताबिक दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में भारत चौथे नंबर पर है। ग्लोबल फॉयर पॉवर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य शक्ति है। यूक्रेन से पिछले डेढ़ साल से युद्ध में उलझे होने के बावजूद रूस दूसरे नंबर पर है। सैन्य शक्ति के मामले में चीन तीसरे नंबर पर है। दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में पांचवे नंबर ब्रिटेन, छठे नंबर पर दक्षिण कोरिया और सातवें नंबर पर पाकिस्तान है। भारत के पास 14 लाख से ज्यादा सक्रिय सैनिक (Indian Army)हैं। इसमें सेना के तीनों अंगों के सैनिकों की संख्या शामिल है। भारत का वर्तमान रक्षा बजट करीब 5.93 लाख करोड़ का है।
सेना का आधुनिकीकरण
चूंकि कोई भी सरकार विभिन्न प्रकार के सुरक्षा खतरों को नज़रंदाज़ नहीं कर सकती। भारत जैसे देश के लिये खतरे सामान्य ज़्यादा गंभीर हैं क्योंकि भारत खतरनाक पड़ोसी देशों के बीच स्थित है एवं आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार के खतरों का सामना कर रहा है। आधुनिकीकरण के दौर में भारतीय सेना इस समय लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों, रात में लड़ाई में काम आने वाले उपकरणों, बहुआयामी ड्रोन और दुश्मन को जल्द खोजकर उस पर हमला करने वाले उपकरणों पर ध्यान दे रही है। इस समय सेना (Indian Army) के आधुनिकीकरण की कई परियोजनाएं चल रही हैं। आधुनिक हथियारों और उपकरणों से सज्जित होगी भारतीय सेना आधुनिकीकरण का मुख्य उद्देश्य सेना को कार्रवाई के दौरान होने वाली मुश्किलों से निजात दिलाकर आधुनिक हथियारों और उपकरणों से सज्जित करना है। इससे सेना पड़ोसी देशों खासतौर से चीन से मुकाबले के लिए और मजबूत हो सकेगी। आधुनिकीकरण की जारी परियोजनाओं में लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपों और टैंकों को शामिल किया जा रहा है। पिनाक राकेट सिस्टम की रेजीमेंट तैयार की जा रही है। लंबी दूरी की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की संख्या बढ़ाई जा रही है। राफेल को शामिल कर ही लिया गया है।

क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन करने में भी भारतीय सेना को महारत
भारत ने दुनिया के सामने क्विक एक्शन आर्मी (Indian Army) के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। पहले जहां देश की सेना को बुलेट प्रूफ जैकेट और आधुनिक हथियारों और गोला-बारूद की कमी से जूझना पड़ता था, अब सीन बदल चुका है। देश की सेना बुलेट प्रूफ जैकेटों, हथियारों, फाइटर जेटों, सबमरीन, बैलिस्टिक मिसाइलों, कंबैट हेलीकॉप्टरों, अटैक हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम इत्यादि से पूरी तरह लैस हो चुकी है। क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन करने में भी भारतीय सेना को महारत हासिल हो चुकी है। पाकिस्तान में दो बार सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक, श्रीलंका की मदद के लिए आतंकियों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक, गलवान और तवांग में चीन की चित कर बॉर्डर से दूर खदेड़ने वाली घटनाएं क्विक एक्शन आर्मी का प्रमाण बन चुकी हैं। यही वजह है कि दुश्मन पाकिस्तान और चीन भारतीय सेना के बुलंद हौसलों से थर्राने लगे हैं। भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी चौथी सेना है।

भारत की रक्षा शक्ति दुनिया के किसी विकसित देश से कम नहीं
पुलवामा आतंकी हमले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने सेना को सीमाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी हथियार खरीदने का आपातकालीन अधिकार दिया था। इसके बाद सेना ने एक के बाद एक कई रक्षा सौदे किए। नरेंद्र मोदी सरकार में भारतीय सेना ने जबरदस्त पराक्रम का प्रदर्शन कर ये दिखा दिया कि भारत की रक्षा शक्ति दुनिया के किसी विकसित देश से कम नहीं है. इसके साथ ही सरकार ने ये भी संदेश दिया कि कड़े फैसले लेना में हम भी पीछे नहीं है। सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए ये बता दिया कि भारत पारंपरिक लड़ाई के साथ साथ मॉडर्न लड़ाई में दुनिया की पेशेवर सेनाओं में से एक है। उरी आंतकी हमले के बाद 28 सितंबर 2016 को दुनिया का आधा हिस्सा सो रहा था और भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब दे रही थी। भारतीय कमांडोज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया था। इसके बाद पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तो भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। वहीँ गलवान और तवांग में भारतीय सेना ने अग्रिम मोर्चे पर अपूर्व पराक्रम का प्रदर्शन किया है।
लगातार नई तकनीक हो रही अपडेट
भारतीय सेना लगातार नई तकनीक से अपडेट हो रही है। अब सेना की सैन्य ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए सेना को कई अहम हथियार मिलने जा रहे हैं। मिसाइल दागने वाला यूएवी, टेथर्ड ड्रोन सिस्टम, नागास्त्र, प्रोजेक्ट्र एक्स फेस,हाई मोबिलिटी व्हीकल जैसे आधुनिक हथियार शामिल होने जा रहे हैं।वर्ष 2022 में भारतीय सेना के बेड़े में एक से एक ताकतवर युद्धक विमान, युद्धपोत और घातक हथियार शामिल हुए । इसमें नौसेना के बेड़े में शामिल हुए स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट कैरियर आइएनएस विक्रांत का नाम प्रमुख है, जो दुश्मन की तबाही का प्रतीक है।
रक्षा बजट में इजाफा
मोदी सरकार ने सेना को ताकत देने के लिए देश के रक्षा बजट में भी जबरदस्त इजाफा किया है। वर्ष 2014 में भारत का रक्षा बजट 2.53 लाख करोड़ था, जो कि अब बढ़कर 5.25 लाख करोड़ हो चुका है। फरवरी 2023 के बजट में इसके 6 लाख करोड़ रुपये के भी पार पहुंच गई है। भारत रक्षा के क्षेत्र में खर्च करने के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। इससे भारत की बढ़ती सामरिक ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मेक इन इंडिया से मेक फॉर वर्ल्ड का सफर
पीएम मोदी के मंत्र मेक इन इंडिया को साकार करते हुए देश ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। अब भारत न सिर्फ अपने लिए रक्षा के उपकरण और अत्याधुनिक हथियार बना रहा है, बल्कि दूसरे देशों को इसे निर्यात करने में भी सक्षम हो गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार भारत अब करीब 75 देशों को युद्धक सामग्री और फाइटर जेट की बिक्री कर रहा है। भारत के आधुनिक फाइटर जेट “तेजस” को खरीदने के लिए अमेरिका, आस्ट्रेलिया, फिलीपींस और मिस्र जैसे देशों ने भी दिलचस्पी दिखाई है। इससे देश को विदेशी मुद्रा की आय हो रही है। कुल रक्षा बजट का 60 फीसदी धन केवल मेक इन इंडिया के लिए ही रखा गया है। ताकि स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिल सके। यही वजह है कि देश अब मेक इन इंडिया से मेक फॉर वर्ल्ड की ओर कदम बढ़ा चुका है।
न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार
ये भी पढ़ें : महाराष्ट्र में नयी शुरुआत, अग्निवीर की तर्ज पर कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल होगी पुलिस