Hemant Soren Jharkhand : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने खतियानी जोहार यात्रा(khatiyan johar yatra) के दूसरे चरण के तहत सोमवार को सरायकेला स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस पर निशाना साधा. उन्होंने इस मंच से स्पष्ट तौर पर कहा कि जो राज्यपाल चाहेंगे वो नहीं जो सरकार चाहेगी वही होगा. हमें आज भी लोग बोका सोचते हैं. अब यही बोका लोग ठोकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा के प्रभाव में आकर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को लौटाया है. महामहिम सरकार के विपरीत चल रहे हैं. यही हाल उन सभी राज्यों का है, जहां भाजपा राज्यपाल आसीन हैं.
राज्यपाल के माध्यम से सरकार को परेशान करने का काम हो रहा है
सरायकेला में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के बूढ़े बुजुर्गों के चेहरे और माथे की लकीरें बताती हैं कि किस संघर्ष से झारखंड अलग राज्य मिला है. राज्य के बुजुर्गों ने जल जंगल जमीन और अपने हक अधिकार के लिए अलग राज्य की लड़ाई लड़ी है. झारखंडी होने के वजूद को बचाने के लिए प्राणों की आहुति दी है. हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि स्थानीय नीति विधेयक वापस किया गया यह नई बात नहीं है, केंद्र सरकार द्वारा राज्यपाल के माध्यम से सरकार को परेशान करने का काम किया जा रहा है. यह दिल्ली या अंडमान निकोबार नहीं है. यह झारखंड है यहां सरकार जो चाहेगी वही लागू होगा, गवर्नर जो चाहेंगे वह नहीं होगा. जो संवैधानिक कसम खा कर बैठे हुए हैं उसकी धज्जियां उड़ेगा होने नहीं देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल कहते हैं कि कानून नियम संगत नही बनाया है अजीब बात है. साढ़े तीन करोड़ लोग सरकार बनाये हैं वह बोका नहीं हैं.
मैं अखबार नहीं, गरीबों का चेहरा पढ़ता हूं
यहां आने से पहले मैं राज्यपाल के साथ था लेकिन मुझे पता नहीं था कि विधेयक को लेकर यह फैसला लिया गया है। मैं अखबार नहीं पढ़ता क्योंकि मैं लोगों के साथ रहता हूं वही मेरे लिए खबर है। मैं गरीबों का चेहरा पढ़ता हूं।
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