सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के प्रतिष्ठित IIT आईएसएम धनबाद में एक स्टूडेंट को दाखिला दिलाने के लिए अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला लेते हुए IIT धनबाद को निर्देश दिया है कि वे 18 वर्षीय अतुल कुमार को कॉलेज में दाखिला दें। बता दें, समय सीमा पर फीस जमा न कर पाने की वजह से अतुल को कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाया था। छात्र पैसों की तंगी के कारण अपनी फीस जमा नहीं कर पाया था। बाद में अतुल ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स की सीट पर एडमिशन दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उसके लिए एक अलग सीट बढ़ाई जाए ताकि किसी दूसरे स्टूडेंट के एडमिशन में भी कोई समस्या नहीं आए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम ऐसे युवा प्रतिभाशाली लड़के को जाने नहीं दे सकते।
स्टूडेंट उत्तर प्रदेश के एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा है। स्टूडेंट ने 24 जून की शाम को 4.45 बजे तक गांव वालों से करीब 17,500 रुपये इकट्ठा कर लिए थे, लेकिन शाम को 5 बजे तक ही फीस भरने की डेडलाइन थी। वह ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पाया। तीन महीने तक पिता एससी-एसटी आयोग, फिर झारखंड और मद्रास हाईकोर्ट के चक्कर काटते रहे। आखिर में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
धनबाद से कुंदन सिंह की रिपोर्ट