राज्यों से इस तरह से सीटें आयें तो बन जायेगी इंडी गठबंधन की सरकार!

If seats come from the states in this manner then the Indy coalition government will be formed!

कांग्रेस के नेता इंडी गठबंधन के लिए 295 से ज्यादा सीटें आने का दावा कर रहे हैं। फिर उनके चेहरों पर खुशी क्यों नहीं है? जब तक मतदान चल रहे थे तब तक एक दूसरे के दावों को चुनौती देना तो समझ में आता था। एनडीए बार-बार 400 पार का नारा लगा रहा था तो विपक्ष उसके दावों को खारिज कर रहा था। मतदान के दौरान इस तरह के दावे-प्रतिदावे सही थे। अब जब मतदान सम्पन्न हो गये हैं, अपनी जीत का दावा करना तो समझ में आता है, लेकिन दूसरों की जीत के दावों को अगर हल्का कर हम दावा कर रहे हें तो हमारे दावे में भी दम होना चाहिए। और दावों में दम है तो उसका जश्न मनना चाहिए। फिर चेहरों पर यह मायूसी क्यों है? दरअसल, यह दावा राहुल गांधी कर रहे हैं, उसी में मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर जयराम रमेश या फिर दूसरे कांग्रेसी नेता सुर में सुर मिला रहे हैं। अगर कांग्रेस इतनी सीटों या फिर उससे ज्यादा सीट जीत जाती है तो इसमें कुछ गलत नहीं, क्योंकि चुनाव में जीत और हार तो होती ही है।

आखिर क्या है कांग्रेस के 295 सीटें जीतने का सच?

जो दावा कांग्रेस या इंडी गठबंधन ने पूरे चुनाव में नहीं किया, वह दावा अचानक मतदान सम्पन्न होने के बाद क्यों किया जा रहा है? जिस दिन मतदान सम्पन्न हुए उसी दिन इंडिया गठबंधन ने दिल्ली में बैठक की संक्षिप्त-सी बैठक में किसी मुद्दे पर चर्चा किये बगैर सिर्फ 295 सीटों की जीत के दावे के साथ बैठक समाप्त कर दी गयी। तो क्या, सिर्फ इसी की घोषणा करने के लिए यह बैठक बुलायी गयी थी? तो क्या, बैठक में हर राज्य के प्रतिनिधि यह बताने के लिए एकत्र हुए थे कि उनके राज्य में इंडी गठबंधन कितनी सीटें ला रहा है?

हर राज्य में हर पार्टी की पकड़ मजबूत नहीं है। जहां जितनी उसकी पकड़ है, उसी आधार पर वह सीटें निकालती है। अगर 1 जून को इंडी गठबंधन की बैठक में जमा हुए नेताओं ने शायद सीटें आने का कुछ इस प्रकार दावा किया होगा-

  • तमिलनाडु में 39 में से 39 सीटें जीतने का भरोसा।
  • केरल में 20 में से 20 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • झारखंड में सभी 14 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • बिहार की 42 में से 22 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • दिल्ली में सभी 7 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • पंजाब में सभी 13 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • छत्तीसगढ़ में 11 में से 8 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • गुजरात की 26 में से 10 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • हिमाचल प्रदेश की 4 में से 2 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • कर्नाटक की 25 में से 13 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • मध्यप्रदेश की 29 में से 10 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • महाराष्ट्र की 48 में से 25 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • राजस्थान की 25 में से 10 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • तेलंगाना की 17 में से 10 सीटें जील लेने का भरोसा।
  • उत्तर प्रदेश की 80 में से 25 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • पश्चिम बंगाल की 42 में से 5 सीटें जीतने का भरोसा।
  • पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस के 20 सीटें जीतने का भरोसा।
  • जम्मू-कश्मीर में सभी 5 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • आंध्र प्रदेश की 25 में से 12 सीटें जीतने का भरोसा।
  • असम की 14 में से 5 सीटें जीतने का भरोसा।
  • ओडिशा की 21 में से 8 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • उत्तराखंड की 5 में से 3 सीटें जीत लेने का भरोसा।
  • शेष राज्यों की 18 सीटों में से 9 सीटें जीत लेने का भरोसा।

इस तरह से अगर इंडी गठबंधन को सीटें मिल जायेंगी तो गठबंधन 295 का आंकड़ा छू लेगा और न सिर्फ उसकी सरकार बन जायेगी, बल्कि एनडीए को वह सत्ता से दूर भी करने में सफल हो जायेगा।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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