जातिप्रमाण पत्र को लेकर रांची के कांके से भाजपा विधायक समरीलाल की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है। मामला अदालत में है। अदालत के फैसले पर ही समरीलाल का भविष्य टिका हुआ है। हाई कोर्ट में 8 जनवरी से अब प्रतिदिन बहस होगी और फैसला लिया जायेगा कि समरी लाल विधायक रह पायेंगे या नहीं। लेकिन एक सवाल यह भी है कि अगर समरी लाल की विधायकी जाती है तो इसी तरह के मामले में जामा विधायक सीता सोरेन के सर पर भी विधायकी जाने की तलवार लटक सकती है। क्योंकि हाल ही में गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने सीता सोरेन के ओडिशा की निवासी होने का मुद्दा उठाया था।
बता दें, रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष और कांके विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी सुरेश बैठा ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विधायक बनने के मामला भारत निर्वाचन आयोग, दिल्ली में किया था। सुरेश बैठा ने कांके विधानसभा 65 के निर्वाचित विधायक समरी लाल की सदस्यता रद्द करने के लिए निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया था कि कांके विधायक समरी लाल मुख्य रूप से राजस्थान के निवासी हैं जो झारखंड में आरक्षण का अनुचित लाभ लेकर विधायक बने हुए हैं। ज्ञापन में उन्होंने राज्य सरकार के जाति छानबीन समिति द्वारा सामरी लाल की जाति प्रमाण पत्र को अवैध घोषित करने संबंधी पत्र भी सलंग्न किया है। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा महामहिम राज्यपाल को इससे संबंधित पत्र भेजा गया था जिसे महामहिम राज्यपाल मुख्य निर्वाचन आयोग से मंतव्य के लिए भेजा था। और अब यह मामला हाई कोर्ट में है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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