बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपना लिया है। बांग्लादेशी घुसपैठ पर दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए संताल परगना के 6 जिलों को उपायुक्तों पर गुरुवार को हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि अगर संताल परगना के जिलों में एक बी बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला सामने आया तो 6 जिलों के उपायुक्तों पर कोर्ट अवमानना केस चलायेगा। वहीं, आज की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने भी अपना पक्ष रखा। केन्द्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने अपना पक्ष रखने के लिए समय की मांग की। हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 सितम्बर निर्धारित कर दी है।
बता दें कि इससे पहले इस केस की सुनवाई 31 अगस्त को हुई थी। उस दिन सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट बार-बार बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर झारखंड सरकार को ही नहीं, केन्द्र सरकार पर भी तल्ख टिप्पणी की थी। हाई कोर्ट ने साफ कहा कि बार-बार इशारा कर रहा है कि जब धुआं उठ रहा है तो वहां चिंगारी हो रही है, लेकिन राज्य सरकार ही नहीं केन्द्र सरकार कान में तेल डाले बैठी हुई हैं। झारखंड सरकार ही नहीं, झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी भी कोर्ट में जो रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं, उनमें बार-बार यही कहा जा रहा है कि संताल परगना के जिलों में कोई घुसपैठ नहीं है। जिस पर कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह सवाल उठाया था तब इन जिलों में आदिवासियों की संख्या क्यों कम हो रही है, इस पर पुख्ता रिपोर्ट दें।
बता दें कि ट्राइबल्स धर्मांतरण को रोकने को लेकर सोमा उरांव की ओर से एक जनहित याचिका झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल की गयी है, जिस पर सुनवाई चल रही है।
झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से बार-बार सवाल कर रहा है कि घुसपैठ के खिलाफ वे क्या कार्रवाई कर रहे हैं या कर सकते हैं। जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है जिससे इन क्षेत्रों की डेमोग्राफी बदल रही है। इसका सीधा असर यहां की भोले-भाले आदिवासी समुदाय पर पड़ रहा है। इसी को लेकर प्रार्थी ने गृह मंत्रालय से मांग की कि कैसे ये बाहरी हमारे देश की सीमा में घुस कर वहां की डेमोग्राफी को बदल रहे हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार – प्लस – झारखंड-बिहार
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