धर्मांतरण देश का एक बड़ा और गंभीर मुद्दा है। और जब इस पर न्यायपालिका टिप्पणी करने लगे तो उसकी गंभीरता को समझा जा सकता है। धर्मांतरण को लेकर टिप्पणी की है इलाहाबाद हाई कोर्ट ने। हाई कोर्ट की यह टिप्पणी देश में अवैध तरीके से कराये जा रहे धर्मांतरण को लेकर है। हाई कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से धर्मांतरण कराया जा रहा है, अगर यही जारी रहा तो देश की बहुसंख्यक आबादी ही अल्पसंख्यक हो जायेगी। इलाहाबाद कोर्ट ने धर्मांतरण कराने वाली सभाओं पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने धर्मांतरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है।
कोर्ट ने यह टिप्पणी संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए की है। इस अनुच्छेद में धर्मांतरण का कोई प्रावधान नहीं है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि देश में धर्मांतरण कराने वाली सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जाए। जस्टिस रोहित रंजन ने स्पष्ट किया कि संविधान का अनुच्छेद 25 धार्मिक आजादी का अधिकार देने के साथ ही किसी भी धर्म को मानने, पूजा करने और धर्म का प्रचार करने का भी हक देता है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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