Hinduism in Australia: ऑस्ट्रेलिया में हर 5 साल में जनगणना कराई जाती है. इस बार के जनगणना के आंकड़ों से कई नई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। जनगणना में ऑस्ट्रेलिया की आबादी में हिंदुओं और मुस्लिमों की हिस्सेदारी में तेजी से वृद्धि दर्ज की है। नई जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में ईसाइयों की आबादी 50 फीसदी से भी कम रह गई है। इसके अलावा किसी भी धर्म को न मानने वाले यानी नास्तिकों की संख्या 39 फीसदी हो गई है और बीते 5 सालों में इसमें 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया की आबादी ढाई करोड़ से ज़्यादा हो गई है। अब देश की आबादी दो करोड़ 55 लाख हो गई है, जो 2016 में दो करोड़ 34 लाख थी। इस तरह देश की आबादी बीते 5 सालों में 21 लाख बढ़ गई है।

ख़ुद को ईसाई बताने वालों की संख्या 50 फ़ीसदी से कम
जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब देश में ख़ुद को ईसाई बताने वालों की संख्या 50 फ़ीसदी से कम हो गई है। अब ऑस्ट्रेलिया में केवल 44 फ़ीसदी ईसाई रह गए हैं। वहीं 50 साल पहले यह आंकड़ा 90 फीसदी का था। इसके बाद भी देश में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या अब भी सबसे अधिक है। इसके बाद दूसरे नंबर पर 39 फीसदी लोग वो हैं, जो किसी भी धर्म में आस्था नहीं रखते। ऑस्ट्रेलिया दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां नास्तिकों का प्रतिशत कुल आबादी में इतना ज्यादा है।
हिंदू के साथ मुस्लिम भी बढ़े
अगर पिछली बार की जनगणना से तुलना करें तो पता चलता है कि दोनों धर्मों के लोगों की संख्या बढ़ रही है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदू और इस्लाम धर्म भी तेजी से बढ़ी है। इसके बाद भी दोनों धर्मों को मानने वाले लोगों की संख्या 3-3 ही प्रतिशत है। 2016 में ऑस्ट्रेलिया में हिंदू आबादी (1.9%) और मुस्लिम आबादी (2.6%) थी। इस तरह देखें तो ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। ऑस्ट्रेलिया में हिन्दू आबादी (Hinduism in Australia) बढ़ने की पीछे की सबसे बड़ी वजह भारत समेत दुनिया भर से ऑस्ट्रेलिया आकर बसना है।
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