इनसान की जिन्दगी और मौत का कुछ पता नहीं होता। ऐसा ही कुछ झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता सूरज कुमार के साथ हुआ है। अधिवक्ता हाई कोर्ट में एक केस पर बहस कर रहे थे, उन्हें क्या पता था कि यह उनकी जिन्दगी की आखिरी बहस बन जायेगी। सूरज कुमार जैसे ही बहस समाप्त कर कोर्ट रूम से निकले, बेहोश होकर गिर पड़े। आनन-फानन में उन्हें हाईकोर्ट परिसर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति नाजुक देखकर सूरज कुमार को पारस हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। यह जानकारी देते हुए हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सूरज कुमार काफी मिलनसार और मृदुभाषी थे।
अधिवक्ता सूरज के निधन की खबर सुनकर न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय, न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय, महाधिवक्ता राजीव रंजन, अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार, धीरज कुमार, नवीन कुमार, अशोक कुमार, राम सुभग सिंह और बड़ी संख्या में अधिवक्ता पारस अस्पताल पहुंचे। हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। अधिवक्ता सूरज कुमार अपने पीछे पत्नी और दो पुत्र छोड़ गये हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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