मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में अपील की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन का उल्लंघन मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद सीएम हेमंत को सशरीर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। बता दें कि मामला ईडी के समन की अवेहलना से जुड़ा हुआ है। समन की अवहेलना का यह मामला उसी मामले का है जिसमें हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा था। मामले में उनकी ओर से दाखिल सशरीर उपस्थिति से छूट से संबंधित याचिका पर अदालत ने 4 दिसंबर को उपस्थित होने का आदेश दिया है।
बता दें कि एमपी-एमएलए की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की कोर्ट में गत 11 नवंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इसी पर सोमवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर को अदालत में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
इस मामले की प्रगति इस प्रकार है कि ईडी की ओर से अदालत में जवाब दाखिल किया गया। फिर हेमंत सोरेन की ओर से उनके अधिवक्ता ने 5 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति में छूट से संबंधित याचिका दाखिल की। मामले में हेमंत सोरेन के खिलाफ उपस्थिति को लेकर समन जारी है। गत 3 जून को सीजेएम कृष्ण कांत मिश्रा ने यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। सीजेएम कोर्ट द्वारा मामले में संज्ञान लिए जाने के बावजूद हेमंत सोरेन की उपस्थिति कोर्ट में नहीं हुई थी। फिर हेमंत सोरेन की ओर से सीजेएम कोर्ट के समन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। इस संबंध में ईडी की ओर से शिकायतवाद संख्या 3952/2024 सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गयी है।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 10 समन जारी किये गये थे, जिनमें हेमंत सोरेन दो बार ही ईडी के सामने पेश हुए थे। आठवें समन पर 20 जनवरी और दसवें समन पर 31 जनवरी को ईडी के समक्ष उपस्थित हुए थे। ईडी का कहना है कि आठ समन पर उपस्थित नहीं होना समन की अवहेलना है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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