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Health Kundli: अब जन्म कुंडली के बजाय ‘हेल्थ कुंडली’ मिलाकर होगी शादी, जानिए आखिर क्यों?

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Health Kundli: हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह से पूर्व कुंडली मिलान सबसे पवित्र माना गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वर और वधू की कुंडली का विश्लेषण करके ही लोग यह जान पाते हैं कि उनकी जोड़ी सही रहेगी भी या नहीं. यही एक वजह भी है कि लड़का और लड़की का परिवार जब तक दोनों लोगों की कुंडलियां मिलाकर निश्चिंत ना हो जाए तब तक शादी का रिश्ता पक्का नहीं किया जाता है. लेकिन भविष्य में सिर्फ जन्मकुंडली मिलाने मात्र से ही शादी हो जाएगी, ऐसा शायद संभव न हो. क्योंकि, सरकार एक नई पहल करने जा रही है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा कार्ड तैयार 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक ऐसा कार्ड तैयार कर रहा है, (Health Kundli) जिसके जरिये ही भविष्य में शादी सम्भव हो पाएगी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि हमारे देश में एक ऐसी बीमारी है, जिससे अगर पुरुष और महिला संक्रमित हों, तो उसका असर आने वाले बच्चे पर होगा. यानी बच्चा पॉजिटिव होगा. इस बीमारी का नाम है सिकल सेल एनीमिया (Sicke cell anemia). ये बीमारी आदिवासी आबादियों में ज्यादा होती है. अब इस बजट (Union Budget 2023) में इसको 2047 तक खत्म करने लक्ष्य रखा गया है.

क्या है यह बीमारी?

सिकल सेल एनीमिया असामान्य हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाओं के भीतर ऑक्सीजन ले जाने वाले प्रोटीन) के कारण होने वाली रक्त की एक आनुवंशिक विकार है. असामान्य हीमोग्लोबिन के वजह से लाल रक्त कोशिकाएं सिकल के आकार की हो जाती हैं. यह उनकी ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता और रक्त प्रवाह की मात्रा को कम करता है. सिकल सेल एनीमिया, असल में खून से जुड़ी एक बीमारी है. इस बीमारी में रेड ब्लड सेल्स का आकार बदलने लगता है और ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज पैदा करते हैं.जिसमें शरीर खून बनाना ही बंद कर देता है. इससे शरीर में खून गंभीर रूप से कमी होती है.

आदिवासी क्षेत्रों से ज्यादा आते हैं ऐसे केस  

सिकल सेल एनीमिया बीमारी खास तौर पर आदिवासियों में होती है.ये बीमारी है सिकल सेल एनीमिया (Sicke cell anemia), जो आदिवासियों में ज्यादा होती है। देश के 200 ऐसे जिले हैं, जहां इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अधिक हैं। इसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इस बीमारी का असर ऐसा है कि एक उम्र की सीमा पार करने के बाद बच्चे की जीने की संभावना काफी कम रह जाती है.

पॉजिटिव पाए जाने पर नहीं होगी शादी 

इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए नया टेस्ट और हेल्थ कार्ड (new test and health card) शुरू किया जा रहा है. इसके तहत लड़का और लड़की का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा, जिससे कि इस तरह की बीमारी का पता लगाया जा सके. अनुमान के मुताबिक 40 से कम उम्र के 7 करोड़ ट्राइबल लोगों का टेस्ट किया जाएगा (Health Kundli):. डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि इस हेल्थ कार्ड के ज़रिए ही तय होगा कि शादी करनी है या नहीं. अगर लड़का और लड़की पॉजिटिव हैं, तो फिर शादी नहीं कराई जाएगी.

छत्तीसगढ़ से शुरू होगी टेस्ट की स्क्रीनिंग

अभियान की शुरुआत छत्तीसगढ़ से होगी. इसके लिए राज्य सरकार को फंड मुहैया कराया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि शुरुआत में टेस्टिंग के लिए उन राज्यों को चुना गया है, जहां सबसे अधिक ट्राइबल रहते हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए 40℅ फंड राज्य सरकार और 60℅ फंड केंद्र सरकार देगी.

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