Ranchi : बुधवार के छठीं जेपीएससी नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट के डबल बेंच में सुनवाई हुई. कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए छठीं जेपीएससी (6th JPSC) के रिजल्ट को खारिज कर दिया है. जिसके बाद 326 सफल अभ्यर्थियों का बड़ा झटका लगा है. यह जानकारी हाई कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार ने दी . मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद के युगल बेंच ने फैसला सुनाया .20 अक्टूबर 2021 को बहस पूरी होने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था .
एकल पीठ के आदेश को थी चुनौती
ज्ञात हो कि कि प्रार्थी शिशिर तिग्गा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दाखिल याचिका में हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए उस आदेश को निरस्त करने की गुहार लगायी गयी थी. याचिका में कहा गया था कि छठीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है. इसी आधार पर जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट जारी की थी. इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, कुमारी सुगंधा, अपराजिता भारद्वाज, तान्या सिंह, इंद्रजीत सिन्हा, अर्पण मिश्रा और अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया प्रार्थियों के अधिवक्ता हैं.
सफल अभ्यर्थियों ने डबल बेंच में अपील दायर की थी
झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई छठी जेपीएससी परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया था. जिसके बाद इस परीक्षा में सफल और असफल हुए अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है. लेकिन सफल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर की है. जिसके बाद बुधवार को डबल बेंच ने भी छठीं जेपीएससी रिजल्ट को अवैध करार दे दिया है.ये भी पढ़ें :LPG Price Hike: खाना बनाना और भी होगा महंगा! अप्रैल 2022 से दोगुनी हो सकती है रसोई गैस की कीमत