झारखंड की राजधानी रांची स्थित पहाड़ी मंदिर विकास समिति द्वारा दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सोमवार की सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार और धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा बनाई गई कमिटी को भंग कर दिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि समिति को किसी प्रकार का धारा 29 का नोटिस (समिति भंग करने का कारण) नहीं दिया गया। ना ही जिला न्यायाधीश से मंदिर विकास के लिए कोई योजना दी गई और न ही जिला न्यायाधीश से किसी प्रकार की कोई सहमति ली गई। वहीं समिति भंग करने से पहले बोर्ड से कोई आदेश भी पारित भी नहीं कराया गया। धार्मिक न्यास के चेयरमैन का आदेश सही नहीं है। पहाड़ी मंदिर विकास समिति के ओर से अधिवक्ता अभय मिश्रा ने पक्ष रखा। धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा। अदालत ने निर्देश दिया है कि पूर्व की तरह रांची डीसी के नेतृत्व वाली कमिटी पहाड़ी मंदिर का कार्यभार देखेगी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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