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Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, ASI करेगा परिसर का सर्वे

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Gyanvapi Survey:काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ASI सर्वे (Gyanvapi Survey) को मंजूरी दे दी है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Survey) में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने फैसले की कॉपी पढ़कर बताया कि कोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दे दिया है।हिंदू पक्ष ने वुजुखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग की थी।  वहीं, इस मांग पर मुस्लिम पक्ष और मसाजिद कमिटी ने विरोध दर्ज कराया था। कोर्ट ने पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक जांच कराने की मांग से संबंधित मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद 14 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि 21 जुलाई को इस पर फैसला सुनाया जाएगा। वाराणसी के जिला कोर्ट जज ए के विश्‍वेश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 21 जुलाई तक के लिए फैसले को सुरक्षित रख लिया था।

पिछले साल सर्वे का काम पूरा हुआ था

पिछले साल मई महीने में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सर्वे का काम पूरा हुआ था। इस सर्वे के बाद जो सबसे बड़ा सच सामने आया था। वह था शिवलिंग का प्रमाण। ज्ञानवापी मस्जिद में फव्वारे के रूप में जो शिलाखंड मिला उसे शिवलिंग माना जा रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर में नंदी की विशाल मूर्ति है। जिसका मुंह उसी ‘शिवलिंग’ की ओर है। जिससे उस शिलाखंड के शिवलिंग होने का दावा ज्यादा मजबूत होता है। पूरे विश्व में जहां भी शिवलिंग हैं, वहां नंदी उनकी ओर मुंह किये अवश्य विराजमान मिलेंगे। फिर काशी विश्वनाथ के नंदी बिना शिव के कैसे हो सकते है। पिछले साल सर्वे के बाद जब ‘शिवलिंग’ का प्रमाण मिला तब हिन्दू पक्ष नाचने लगा था। हिंदू पक्ष के सदस्य सोहनलाल आर्य ने सर्वे के बाद बड़ा बयान दिया था कि ज्ञानवापी में जितना सोचा था उससे ज्यादा साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने कहा कि जिसकी प्रतीक्षा नंदी कर रहे थे, वह मिल गया। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में बाबा मिल गए हैं।

मुस्लिम पक्ष कर रहा इनकार

ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में शिवलिंग मिला या नहीं, इसको लेकर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। उसका कहना है कि लोगों के कहने से ही इसे प्रमाण नहीं मान लिया जाना चाहिए। ताजा दावा मुस्लिम पक्ष की तरफ से किया गया है, उसका कहना है कि सर्वे में कोई शिवलिंग नहीं मिला है। जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है, वह फव्वारा है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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