Gutkha’s Spit : देश में गुटखा खाने वालों की संख्या अनगिनत और बहुत ज्यादा है. गुटखा के शौकीन शहर की दीवारों और कोनों पर अपने निशान छोड़ते चलते हैं. कुछ तो राह जहां मर्जी आती है वहीं थूक देते हैं. शहर में कई जगहों पर दीवारें गुटखा, पान के थूकने से लाल रंग की दिखती हैं. लेकिन भारत में गुटखा खाने वालों से कुछ ऐसे चौंकाने वाले तथ्य भी हैं जिसके बारे में आप नहीं जानते होंगे.
आदत है बेहद गंभीर
भारत में आपने शहर की कई दीवारें देखी होगी, जो गुटखा थूकने की वजह से गंदी हो जाती हैं. वहीं, कचरेदान के पास, सड़क पर, सड़क किनारे खंभों पर भी गुटखा थूकने के निशान रहते हैं. यहां तक कि लोग कई ऐतिहासिक इमारतों को भी गुटखे से गंदा कर देते है. हो सकता है कि आपको भी ये सब देखकर गुस्सा होता है, लेकिन लोगों की ये आदत बेहद गंभीर है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत के लोग इतना गुटखा या पान थूकते हैं, जो कई टन के बराबर हैं.
सालभर में लोग लाखों टन तक गुटखा थूक देते हैं
भारत के लोग हर साल कई लाख टन तक गुटखा थूक देते हैं. ये डेटा वाकई हैरान कर देने वाला है, क्योंकि सालभर में लोग लाखों टन तक गुटखा थूक देते हैं. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के लोग सालभर में 1.564 मिलियन टन गुटखा थूक देते हैं.
गुटखे की थूक से कई स्विमिंग पूल भरे जा सकते हैं
भारत में गुटखे की कितनी खपत है. अगर स्विमिंग पूल के आधार पर देखें तो लोग इतना गुटखा थूकते हैं कि उससे कई स्विमिंग पूल भरे जा सकते हैं. कहा जाता है एक ओलिंपियन पूल में 2.5 मिलियन लीटर पानी आता है. ऐसे में कई स्विमिंग पूल भारत के लोग गुटखे थूककर भर सकते हैं.
यूपी नंबर वन तो बिहार नंबर टू
कहां है सबसे ज्यादा खपत- इंडिया इन पिक्सल के एक ग्राफिक के अनुसार, हर साल उत्तरप्रदेश के लोग गुटखा थूककर 46.37 पूल भर सकते हैं. उसके बाद बिहार का नंबर है, जहां के लोग एक साल में 2.5 मिलियन वाले 31.33 पूल भर सकते हैं.
खतरनाक हैं संकेत
वहीं, ओडिशा के लोग 28.37, बंगाल के लोग 21.94, गुजरात के लोग 20.98 और दिल्ली के लोग 1.8 पूल हर साल गुटखा थूककर भर सकते हैं. आप इन आंकड़ों से अंदाजा लगाइए कि यह भारत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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