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Gumla Women Library News: विशेष रूप से महिलाओं के लिए राज्य स्वामित्व लाइब्रेरी वाला पहला जिला बना गुमला, हाज़ारों किताब हैं मौजूद

Gumla Women Library News

Gumla Women Library News: झारखंड राज्य के गुमला जिले में ख़ास महिलाओं के लिए लाइब्रेरी बनायी गयी है. 400 सीटों वाली इस लाइब्रेरी का नाम देश की पहली महिला शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री बाई फुले के नाम पर रखा गया है. 67 प्रतिशत (2011 की जनगणना) की लिटरेसी रेट के साथ, झारखंड के सबसे पिछड़े जिलों में से एक गुमला का नाम आता है. आदिवासी जनसंख्या की अधिकता होने के बावजूद ये राज्य का पहला जिला बन गया जहां केवल महिलाओं के लिए सरकारी लाइब्रेरी होगी.

वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव ने सोमवार को देश की पहली शिक्षिका और सामाजिक कार्यकर्ता सावित्री बाई फुले के नाम पर इस आधुनिक सुविधाओं से भरपूर 400 सीटों इस वाली लाइब्रेरी का उद्घाटन किया. यह जिले के लिए गौरव की बात है कि जिले में महिलाओं के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया है. जिसमें महिलाएं औए बच्चियां बिना किसी झिझक के शांतिपूर्ण माहौल में आकर अपनी पढ़ाई कर सकेंगी. इस बेहतरीन पहल को आकार देने के लिए उपायुक्त और जिला प्रशासन को रामेश्वर ओरांव ने धन्यवाद कहा.

रामेश्वर ओरांव ने कहा, “मैं छात्राओं को सलाह दूंगा कि उन्हें न केवल परीक्षा पास करने के लिए बल्कि ज्ञान हासिल करने के लिए भी किताबें पढ़नी चाहिए.”

उन्होंने अपनी लाइब्रेरी में पढ़ने का अपना अनुभव भी सांझा किया जिससे उन्हें अपने करियर में मदद मिली. गुमला जिले में प्रतिवर्ष कक्षा नौ से स्नातक स्तर तक लगभग 54,000 छात्राएं उत्तीर्ण होती हैं. जिनके लिए बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पुस्तकालय क्रांति की शुरुआत की गयी. ताकि हर बच्चे को आसानी से पढ़ने की सुविधा मिल सके. सुशांत गौरव ने कहा कि ‘राज्य सरकार सभी 12 ब्लॉकों और सभी पंचायत भवनों में पुस्तकालय खोलने पर काम कर रही हैं,

दो मंजिला पुस्तकालय में कंपटेटिव परीक्षाओं और बहुत सी और विषयों से संबंधित लगभग 7,000 किताबें और आठ कंप्यूटर हैं.  स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में लगातार 13 घंटे तक बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं. बैठने के लिए सोफा और टेबल की व्यवस्था की गई है. छात्रों के ग्रुप डिस्कशन के लिए सात कमरे हैं और प्रत्येक कमरे में 16 छात्र एक साथ के ग्रुप डिस्कशन कर सकती हैं. जल्द ही लाइब्रेरी में इंटरनेट और वाईफाई की सुविधा भी लगाई जाएगी.

गुमला के एडिशनल कलेक्टर सुधीर गुप्ता, जो पुस्तकालय पहल के प्रभारी हैं,  उन्होंने दावा किया कि लड़की उम्मीदवारों के लिए 200 रुपये का मासिक शुल्क रखा गया है, लेकिन जिनके माता-पिता नहीं हैं,  विकलांग हैं और बेहद गरीब वर्ग से आते हैं, उनके लिए इसमें छूट होगी.

सुधीर गुप्ता ने बताया की लाइब्रेरी की लाइब्रेरियन, सफाई कर्मचारी, अटेंडेंट, सिक्यूरिटी गार्ड सहित सभी कर्मचारी महिलाएं होंगी. गुमला के डिप्टी कमिश्नर सुशांत गौरव, जिन्होंने इस पहल के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्होंने कहा, उक्त पुस्तकालय में हर प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षा के लिए पुस्तकें सहित सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं. विभिन्न विषयों पर हजारों किताबें हैं जो किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षा के लिए मददगार साबित होंगी. एक आदिवासी प्रधान गुमला जैसे जिले में इस तरह की पहल कितनी लाभकारी साबित होगी ये तो देखने वाली बात है. आप इस विषय में क्या सोचते हैं? विचार सांझा करे समाचार प्लस से.

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