अयोध्या को भव्य स्वरूप देने की तैयारी हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को अयोध्या में कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें अयोध्याजी तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद और उत्तर प्रदेश श्रीशुक्रताल धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन संबंधी विधेयक के प्रारूप के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसके साथ ही अयोध्या की तहसील सदर के ग्राम माझा जमथरा में 25 एकड़ नजूल भूमि पर भारतीय मंदिर वास्तुकला संग्रहालय बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने और उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण अधिनियम 2023 को जारी करने संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। इसका तात्पर्य हुई आने वाले दिनों में अयोध्या विश्व के नक्शे पर अलग ही पहचान बनाने जा रहा है। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या वाराणसी की तरह भी विश्व पटल पर अपना नाम दर्ज कराने की ओर अग्रसर हो जायेगी।
मेहमानों को अयोध्या बुलाने की जोरदार तैयारी
राम मंदिर का उद्घाटन समारोह 22 जनवरी को निर्धारित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन किया जायेगा। समारोह में देशभर से विशिष्ट लोगों को आमंत्रित करने की तैयारी चल रही है। समारोह में विपक्ष के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा। इस संबंध में जल्द ही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी नेताओं को विशेष रूप से पूजे गए चावल (अक्षत) भेजे जाएंगे। विहिप अगले साल एक जनवरी से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने जा रही है। विहिप का कहना है कि आयोजन पार्टी लाइन से ऊपर उठकर होगा। इतना ही नहीं, पूरे देश के सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया जायेगा।, पवित्र ‘अक्षत’ भेजकर अतिथियों को आमंत्रित किया जाएगा। विहिप स्पष्ट कर चुकी है कि उद्घाटन समारोह गैर राजनीतिक कार्यक्रम होगा।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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