न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
राज्यपाल रमेश बैस ने बुधवार को कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2021 को यह कहते हुए लौटा दिया कि जनजातीय समुदाय के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार विधेयक के प्रावधानों पर पुनर्विचार करे। बता दें कि बुधवार को ही झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की खंडपीठ में झारखंड स्टेट बार काउंसिल द्वारा राज्य सरकार के कोर्ट फी अमेंडमेंट एक्ट को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 20 अक्टूबर निर्धारित की है।
कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन) विधेयक 22 दिसंबर, 2021 को झारखंड विधानसभा द्वारा पारित कर उस पर सहमति के लिए 11 फरवरी को राज्यपाल के पास भेजा गया था। किन्तु इस विधेयक का राज्यभर में विरोध हुआ। इस विधेयक के विरुद्ध कोर्ट में याचिकाएं भी डाली गयी, साथ ही राज्यपाल को भी इससे सम्बंधित कई अभ्यावेदन और ज्ञापन प्राप्त हुए। झारखंड राज्य बार काउंसिल ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें इससे सम्बंधित ज्ञापन सौंप कर आग्रह किया था कि वह राज्य सरकार को कोर्ट फीस में हुई वृद्धि को वापस लेने और इसे विधि-सम्मत उचित तरीके से तय करने के लिए निदेशित करें। राज्यपाल ने इस पर गंभीरतापूर्वक विचार किया, फिर विधेयक को राज्य सरकार के पास पुनर्विचार के लिए वापस लौटा दिया।
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