न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
भारत सरकार जंक फूड के विज्ञापनों पर लगान कसने जा रही है। कारण जंक फूड का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में यह बात सामने आयी है कि जंक फूड के कारण बच्चों में मोटापा रोग बढ़ रहा है। चूंकि बच्चों को जंक फूड खूब पसंद है, लेकिन वे मोटापे के शिकार भी हो रहे हैं। चूंकि मोटापा कई गंभीर बीमारियों को निमंत्रण देता है, इसको देखते हुए उपभोक्ता मामले से जुड़े मंत्रालय ने जंक फूड के विज्ञापनों को लेकर कुछ फैसले किये हैं।
जंक फूड में मौजूद तत्व स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं। जंक फूड में चीनी, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, वसा और कई तरह के ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी के कारण मोटापा बढ़ता है। अगर मोटापे को नहीं रोका गया तो कई गंभीर बीमारियां घेर सकती हैं, जैसे- डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर जैसे स्तन कैंसर और बड़ी आंत का कैंसर, स्ट्रोक। इन गंभीर बीमारियों की संभावना को देखते हुए सरकार ने जंक फूड के विज्ञापनों पर लगाम लगाने की तैयारी की है।
NFHS का सर्वे
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS) की रिपोर्ट 2019-20 में यह सामने आया है कि जंक फूड का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। सर्वे बताता है कि जंक फूड खाने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है जो 20 फीसदी से बढ़कर 24 फीसदी हो गयी है। पुरुष भी जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। यह आंकड़ा 18.4 फीसदी से बढ़कर 22.9 फीसदी हुआ है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को जंक फूड संबंधी विज्ञापनों के बारे में कई सुझाव मिले हैं, जिस पर अमल हो रहा है।
जंक फूड को लेकर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने जो योजना बनायी है, उसमें पैकिंग पर अब पोषण संबंधी जानकारी पैकेट में पीछे के बजाय आगे और स्पष्ट देनी होगी। यही नहीं, टीवी पर बच्चों के कार्यक्रमों के दौरान जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लग सकती है। मंत्रालय हाई शुगर और फैट वाले फूड प्रोडक्ट्स पर टैक्स लगाने पर विचार कर रहा है।
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