झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शनिवार को राज्यभर के अधिवक्ताओं को बड़ा उपहार देने जा रहे हैं। हेमंत सरकार राज्य के वकीलों के लिए 5 लाख रुपये की चिकित्सा बीमा योजना की आज शुरुआत करेंगे। उम्मीद जतायी जा रही है कि हेमंत सरकार के इस कदम से लगभग 30,000 अधिवक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इनकी पहले ही घोषणा की जा चुकी है। आज इसको अमलीजामा पहनाया जायेगा।
हेमंत सोरेन अधिवक्ताओं को लेकर क्या करने वाले हैं घोषणाएं
- झारखंड उच्च न्यायालय के स्तर पर गठित झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति के अंतर्गत निबंधित अधिवक्ताओं को बीमा का लाभ।
वार्षिक प्रीमियम की राशि 6000 रुपये प्रति निबंधित अधिवक्ता का भुगतान राज्य सरकार झारखंड अधिवक्ता कल्याण कोष निधि न्यासी समिति को करेगी, जिसके द्वारा राशि जेएसएएस को हस्तांतरित की जायेगी। - हेमंत सोरेन सरकार अधिवक्ताओं के आश्रितों को भी बीमा लाभ देगी। पति/पत्नी/पुत्र/वैध दत्तक पुत्र (25 वर्ष की आयु तक बशर्ते बेरोजगार हो) पुत्री (अविवाहित/विधवा/परित्यक्ता पुत्री) नाबालिग भाई एवं अविवाहित बहन एवं आश्रित माता-प्ति (पेंशनर के मामले में प्रतिमाह 9000 रुपये और उस पर तत्समय अनुमान्य महंगाई राहत से कम पेंशन प्राप्त करने वाले)
- दिव्यांग आश्रितों को आजीवन स्वास्थ्य बीमा।
- महिला अधिवक्ता के मामले में माता-पिता अथवा सास-ससुर में से कोई एक पक्ष।
- पति-पत्नी दोनों के राज्य सरकार के कर्मी होने की स्थिति में दोनों एक दूसरे को आश्रित की श्रेणी में कहीं दर्शा सकते हैं तथा उनके बच्चे दोनों मे ंसे किसी एक के ऊपर ही आश्रित माने जायेंगे।
हेमंत सरकार अधिवक्ताओं इन योजनाों का भी मिलेगा लाभ
कैबिनेट ने 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के अधिवक्ताओं के लिए पेंशन को दोगुना करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इसे 7,000 रुपये से बढ़ाकर 14,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। नए नामांकित अधिवक्ताओं के लिए 5,000 रुपये प्रति माह का वजीफा भी मंजूर किया गया है।
योजना की शुरुआत से पहले क्यों उठा विवाद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकीलों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत होने से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। झारखंड बार काउंसिंल ने लाभ देने के लिए तैयार की गयी वकीलों की लिस्ट पर आपत्ति जतायी है। बार काउंसिल का कहना है कि लाभ देने वाले वकीलों की तैयार सूची तैयार करने ने न तो उसकी सहमति ली गयी और ना ही फंड स्थांतरित करने के लिए उसकी अनुमति ली गयी है। काउंसिल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इसलिए आज के कार्यक्रम को स्थगित करने का आग्रह किया है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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