Giridih Naxal News: गिरिडीह. पारसनाथ के एरिया का हीरा माने जाने वाला 15 लाख का इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा (Naxalite Krishna Hansda) की निशानदेही पर गिरिडीह पुलिस (giridih police) ने पारसनाथ के तराई वाले इलाके चतरो में सर्च अभियान चलाकर अब तक के सबसे बड़े कैंप का पर्दाफाश किया है.
लगातार चलाया जा रहा है सर्च अभियान
कृष्णा हांसदा को पारसनाथ के एरिया का हीरा माना जाता है. क्योंकि यह न सिर्फ भाकपा माओवादी संगठन में रिजनल कमिटी का मेंबर है, बल्कि पारसनाथ के इलाके में इसकी तूती बोलती थी. कृष्णा के एक इशारे पर संगठन से जुड़े लोग किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए तैयार हो जाते थे. अब जब पुलिस ने कृष्णा को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है, तो उसकी निशानदेही पर अलग-अलग इलाकों में सर्च अभियान चला रही है. इस दौरान पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने पारसनाथ की तराई वाले इलाके चतरो से भारी मात्रा में नक्सली पोस्टर, साहित्य, खाने-पीने की सामाग्री के साथ सोलर प्लेट, दवाइयां आदि सामग्रियों को बरामद किया है. फिलहाल इलाके में लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
चतरो में नक्सलियों ने बसा रखी अपनी अलग दुनिया
शनिवार की सुबह सीआरपीएफ और जिला पुलिस के पदाधिकारी और जवान कृष्णा हांसदा के साथ पारसनाथ की तराई वाले इलाके में बसे चतरो पहुंचे. यहां कृष्णा हांसदा उनके साथ था. चूंकि कृष्णा को पारसनाथ का हीरा माना जाता है और कृष्णा पारसनाथ के चप्पे-चप्पे को जानता है. इसलिए पुलिस कृष्णा को अपने साथ लेकर इलाके में ऑपरेशन चलाने के लिए निकल पङी. जब कृष्णा के बताये गये स्थान पर पुलिस की टीम पहुंची तो नक्सलियों का कैंप देख कर पुलिस-पदाधिकारियों व जवानों के होश उङ गये. चतरो में पुलिस को नक्सलियों का अब-तक का सबसे बङा कैंप मिला है. जहां नक्सलियों ने अपनी अलग दुनिया बसा रखी थी. यह कैंप काफी बड़े एरिया में फैला था. जहां वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध थी जो किसी गांव या फिर घर में मौजूद रहती है.
बड़े -बड़े नक्सली कमांडरों के लिए बना रखा था विंग
पुलिस ने जब कैंप में घूमना शुरू किया तो यहां हर वो चीजें मिली जो एक घर में उपलब्ध रहती है. इसके अलावे बड़े नक्सली कंमाडरों के रहने के लिए अलग और छोटे के लिए अलग व्यवस्था थी. हर नक्सली के लिए अलग-अलग विंग बनाई गयी थी और उस विंग के आस-पास सुरक्षा के लिए घेराबंदी भी की गयी थी. साथ ही इस कैंप से पुलिस की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक अलगझोपड़ीनुमा कमरा बना हुआ था.
पहाड़ पर हो रही थी खेती, पालक, साग-सब्जी भी उगा रहे थे नक्सली
पारसनाथ की तराई वाले चतरो से पुलिस ने नक्सलियों के जिस कैंप को बरामद किया है वह अब-तक का सबसे बङा कैंप है. यहां पर नक्सलियों के द्वारा हरी सब्जियां भी उगाई जा रही है. पुलिस के वरीय अधिकारी ने बताया कि पारसनाथ में नक्सलियों का यह सबसे बङा कैंप है जहां कई बङे नक्सली कमांडर आते-जाते रहते है. उनके मुताबिक यहां उनकी हर सुविधा के चीज उपलब्ध है. इतना ही नहीं पहाड़ पर साग-सब्बजियां भी उगाई जा रही है.
पहाड़ के उपर बनाया गया था नेटवर्क जोन
कैंप में नक्सलियों के द्वारा अलग से नेटवर्क जोन बनाया गया है जिसे देख पुलिस के होश उङ गये. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह वह कैंप है जहां हर साल बाहर से बड़े- बड़े नक्सली कमांडर अपने दस्तों के साथ पहुंचते हैं. इसलिए इस कैंप में हर वो सुविधा उपलब्ध कराई गयी थी.
कैंप में मौजूद थे कई नक्सली, पुलिस के पहुंचने से पहले भागे
कृष्णा हांसदा की निशानदेही पर जब पुलिस की टीम पारसनाथ की तराई वाले चतरो में स्थित कैंप पहुंची तो यहां पर बड़े -बड़े चूल्हे बरामद किए गए, जहां नक्सलियों के द्वारा खाना बनया जाता था. पुलिस ने जब जांच की तो चूल्हा भी गर्म था. पुलिस ने इसे लेकर अंदेशा व्यक्त किया कि इस कैंप में कई नक्सली कैंप कर रह रहे थे. हालांकि पुलिस के आने की भनक मिलने के बाद सभी नक्सली कैंप से भाग निकले.
कृष्णा के साथ मौजूद था साहेबराम मांझी उर्फ राहुल दा
पुलिस ने जब कृष्णा हांसदा से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके साथ इनामी नक्सली साहेबराम मांझी भी मौजूद था जो पुलिस को देखकर भाग निकला. गौरतलब रहे कि साहेबराम मांझी भी इनामी और कुख्यात नक्सली है. हालांकि पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है.
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