जमशेदपुर : साकची थाना क्षेत्र में पूर्व जज आरपी रवि गोलीकांड मामले में सोमवार को फैसला आ गया. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में अखिलेश सिंह (Gangster Akhilesh Singh) को बरी कर दिया है. हालांकि आरोपी मनोरंजन सिंह लल्लू, बंटी जयसवाल और रितेश राय के खिलाफ कोर्ट में अलग से मामला चल रहा है. बता दें कि 20 मार्च 2008 को साकची थाना क्षेत्र के जेल चौक के पास मोटरसाइकिल सवार अज्ञात बदमाशों ने पूर्व जज आरपी रवि को गोली मारी थी. घायल पूर्व जज का इलाज टीएमएच में कराया गया.
इस संबंध में पुलिस ने उनकी पत्नी बीरा प्रसाद के बयान पर मामला दर्ज कर अखिलेश समेत अन्य को आरोपित किया था. बीरा प्रसाद ने पुलिस को बताया कि आरपी रवि फल लेकर घर लौट रहे थे. वे उत्पाद विभाग के पास पहुंच कर सड़क पार कर रहे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने उन पर गोली चलानी शुरू कर दी थी.
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 16 साल पूर्व 19 मार्च 2008 को साकची थाना अंतर्गत उत्पाद कार्यालय के समीप जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गों ने फायरिंग की थी. गोली उनके छाती,पैर, कान के पास में गोली लगी थी. घटना के बाद उनकी पत्नी ने इलाज के लिए टेंपो में टीएमएच पहुंचा था. बताया जा रहा है साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में तत्कालीन जज आरपी रवि ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी थी, उक्त फैसले से नाराज गैंगस्टर अखिलेश सिंह (Gangster Akhilesh Singh) ने जज से बदला लेने के नीयत से उनके गुर्गों ने फायरिंग करवायी थी, यह फायरिंग उस वक्त हुई जब घर से बाहर निकल सड़क पर निकले थे.
किन लोगों पर है आरोप
घटना के बाद पुलिस ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह, सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, नितेश, पप्पू सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को आरोपी बनाते हुए केस किया था. कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता प्रकाश झा, अधिवक्ता विद्या सिंह ने पक्ष रखा. जबकि आरोपी गैंगस्टर अखिलेश सिंह वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जुड़े थे.
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