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महाराष्ट्र के गवर्नर बनाए जाने के बाद झारखंड के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) झारखंड राजभवन के एपल के लैपटॉप और मैकबुक अपने साथ ले गये। दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने दो माह से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद अभी तक लैपटॉप और मैकबुक वापस नहीं किया। यह दोनों लैपटॉप और मैकबुक सरकारी पैसे से छह महीने पहले रमेश बैस (Ramesh Bais)के लिए खरीदे गये थे। जिसकी कीमत ढाई लाख रुपए थी। झारखंड राजभवन ने रमेश बैस को पत्र लिखकर लैपटॉप और मैकबुक लौटाने का आग्रह किया है। फिलहाल उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। रमेश बैस अपने झारखंड के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais)महाराष्ट्र के गवर्नर बनाए गए। वे यहां से 17 फरवरी को महाराष्ट्र चले गए। साथ में झारखंड राजभवन का एपल का लैपटॉप और मैकबुक भी ले गए। दो महीने से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन उन्होंने लैपटॉप और मैकबुक नहीं लौटाया।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन खुद करते हैं निजी खर्च वहन
सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड आते ही राजभवन में फिजूलखर्ची पर पूरी तरह से रोक लगा दी जिससे सरकारी खर्च करीब 75% तक कम हो गया है। राधाकृष्णन की पत्नी ज्यादातर चेन्नई में रहती हैं। वे या उनके परिवार के सदस्य जब भी झारखंड आते हैं तो उनकी हवाई यात्रा का खर्च राज्यपाल खुद उठाते हैं। यहां तक कि एयरपोर्ट से उन्हें लाने के लिए स्कॉट नहीं, बल्कि सिर्फ एक गाड़ी भेजी जाती है। सीपी राधाकृष्णन अपने मोबाइल का खर्च भी खुद के वेतन से करते हैं। हर अतिरिक्त खर्च खुद उठाते हैं। हाल ही में उन्होंने राजभवन में तीन दिवसीय पूजा अनुष्ठान का आयोजन किया था। इसके लिए भी उन्होंने सरकारी पैसे का उपयोग नहीं किया, बल्कि खुद 10 हजार रुपए देकर सामान मंगवाया।
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