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अद्भुत, अलौकिक होगा राम की नगरी का दीपोत्सव, आज 24 लाख दीयों से जगमगायेगी अयोध्या

The festival of lights of Ramnagari will be amazing and supernatural, Ayodhya will shine with 24 lakh lamps.

25 हजार वालंटियर्स और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम तैयार

आगामी 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के ‘अयोध्या आगमन’ से पहले ही उनकी नगरी इस दीपावली पर एक बार फिर जगमग होने को तैयार है। दीपोत्सव को सफल बनाने के लिए 25 हजार वालंटियर्स की टीमें पूरी तरह से तैयार है जिनके सहयोग से 51 घाटों पर 24 लाख से अधिक दीये एक साथ प्रज्वलित किये जायेंगे। दीपोत्सव का सारा कार्य डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के कुशल निर्देशन और काफी व्यवस्थित तरीके से हो रहा है। प्रतिभा गोयल की प्रबंधन कितना व्यवस्थित है इसका अंदाजा वालंटियर्स को दिये गये निर्देशों से पता चल रहा है।

51 घाटों पर 25 हजार वालंटियर्स कैसे सम्भांलेंगे व्यवस्था
  • अयोध्या के 51 घाटों पर 25 हजार वालंटियर्स सम्भालेंगे दीपोत्सव की व्यवस्था।
  • शनिवार सुबह से ही वालंटियर्स दीयों में तेल भरने का कार्य कर चुके हैं प्रारम्भ।
  • सभी को एक-एक लीटर की सरसों तेल की बोतलें दी गयी हैं।
  • हर वालंटियर पूरी सावधानी से 30 दीयों में तेल डालेगा।
  • दीये पूरी तरह से नहीं भरे जायेंगे ताकि तेल घाट पर गिरे नहीं। ऊपरी हिस्सा कुछ खाली रखा जाएगा।
  • दीये में तेल डालने के बाद बाती के अगले हिस्सों पर कपूर का पाउडर लगाएंगे, ताकि दीपक आसानी से और जल्द जल उठें।
  • प्रत्येक घाट पर दीयों को प्रज्ज्वलित करने के लिए कैंडल, माचिस, डंडे लगे कैंडल तथा अन्य सामग्री उपलब्ध रहेगी।
  • घाट के अनुसार निर्धारित दीयों की संख्या के अनुपात में एक ही बार में समन्वयकों को सामग्री उपलब्ध करा दी जाएंगी।
  • बोतलों में तेल खत्म होने के बाद खाली बोतलों तथा अन्य सामग्री को कहां रखना है इसकी भी पहले से व्यवस्थित कर लिया गया है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी है तैयार

11 नवंबर का अयोध्या का दीपोत्सव अद्भुत और आलौकिक होगा। 51 घाटों 24 लाख दीयों में तेल और बाती डालने के बाद एवं देर शाम प्रशासन द्वारा नियत समय पर दीये प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम भी वहां पर तैयार है। दीपों के जलने से पहले और जलने के बाद सभी घाटों के दीपों की गणना की जाएगी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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