हर प्रेग्नेंट महिला चाहती है कि उनका बच्चा गोरा पैदा हो। खासतौर से जिन कपल्स का रंग सांवला होता है, वे यही सोचते हैं कि बच्चे का रंग उन पर ना जाए और बच्चा गोरा हो। इसलिए कई महिलाएं प्रेग्नेंसी में कई ऐसी चीजों का सेवन करने लगती हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इसका सेवन करने से बच्चा गोरा चिट्टा होगा। यूट्यूब पर ‘हेल्दी प्रेग्नेंसी‘ नाम के चैनल पर प्रकाशित वीडियो में एक ऐसा ही दावा किया जा रहा है। आइए जानते कि क्या है इसकी पूरी सच्चाई।
सच- यह पूरी तरह सच नहीं है। किसी भी बच्चे का चेहरा उसके जेनेटिक गुणों यानी माता-पिता के जीन्स पर निर्भर करता है। दीवार पर खूबसूरत बच्चों की तस्वीरें लगाने से ये जरूरी नहीं, बच्चा उतना ही खूबसूरत दिखे। हालांकि, ऐसी तस्वीरों को देखने से प्रेग्नेंट महिलाएं पॉजिटिव महसूस करती हैं, जिससे उनकी सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।
सच- अक्सर सुनने में आता है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को दो लोगों के बराबर खाना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि गर्भ में बच्चे जुड़वां हैं, तो तीन लोगों का भोजन करना चाहिए, लेकिन यह सच नहीं है। एक्सपर्ट की मानें को आमतौर पर प्रेग्नेंसी में महिला को सामान्य से 400- 600 ज्यादा गुना कैलोरी की जरूरत होती है। ऐसे में ज्यादा खाने की बजाय बैलेंस डाइट लेना चाहिए। इस दौरान डाइट में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन वाले पौष्टिक आहार लेना चाहिए।
सच- यह पूरी तरह मिथक है कि देसी घी खाने से डिलीवरी में आसानी होने के साथ ही दर्द कम होता है। देसी घी का बच्चे के जन्म से कोई संबंध नहीं है। बच्चा कितनी आसानी से डिलीवर होगा, यह बच्चे के वजन और मां के पेल्विस पर डिपेंड करता है। इस दौरान डाइट के मुताबिक सामान्य मात्रा में देसी घी खाना चाहिए, ताकि पोषण मिल सके।
सच- एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों की त्वचा का रंग (स्किनटोन) सिर्फ माता-पिता के जीन्स पर निर्भर करता है। केसर, नारियल या सफेद चीजें खाने से बच्चे के रंग पर कोई असर नहीं पड़ता है। बच्चे की ग्रोथ अगर सही से ना हुई हो तो इसका असर उनकी स्किन पर पड़ेगा, लेकिन कोई भी सफेद चीज खाने और बच्चे के रंग में कोई संबंध नहीं।
सच- आपने कई बार घर के बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिलाओं के चेहरे पर ग्लो ज्यादा है, तो उन्हें लड़की होगी। यह भी सुना होगा कि पेट नीचे की ओर हो तो लड़का और ऊपर की ओर तो लड़की होगी। हालांकि, चेहरे के ग्लो या पेट के आकार से बच्चे के जेंडर का कोई संबंध नहीं होता। प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान और हार्मोनल चेंजेस की वजह से त्वचा और चेहरे में बदलाव दिख सकता है।
सच- प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह दी जाती है। उन्हें यह भी कहा जाता है कि अगर इस दौरान वे एक्सरसाइज करेंगी तो इससे बच्चे को नुकसान पहुंचेगा, लेकिन यह सच नहीं है। एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होगा, जिससे बच्चे पर अच्छा असर पड़ेगा। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर भी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, वॉक, योग आदि करने की सलाह देते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी में कौनसी एक्सरसाइज सेफ है और कौनसी नहीं, इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
सच- एक्सपर्ट के मुताबिक, अभी तक ऐसा कोई एविडेंस नहीं है, जिससे यह पता चले कि हेयर डाई करने से बच्चे को नुकसान या मिसकैरिज होने का खतरा हो। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान गर्म पानी से नहाना, हॉट वॉटर बाथ लेने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
सच- प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करना पूरी तरह से सुरक्षित है, अगर डॉक्टर ने मना ना किया हो। अगर कोई दिक्कत न हो तो ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी में सेक्स कर सकती हैं। इससे बच्चे पर भी कोई असर नहीं पड़ता है। हालांकि, इस दौरान थोड़ा जेंटल रहें तो बेहतर होगा। हालांकि कुछ ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से प्रेग्नेंसी में सेक्स करने की मनाही होती है। इसमें वजाइना से ब्लीडिंग होना, प्लेसेंटा काफी नीचे होना, पहले मिसकैरिज या प्री-मेच्योर डिलीवरी होना आदि शामिल हैं।
सच- कई लोगों का मानना है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को कॉफी नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे को नुकसान पहुंचता है। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। अगर कम मात्रा में कॉफी पी जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा। दिन में तीन कप से ज्यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए।