1992 WC वाली जर्सी भी नहीं बदल सकी पाकिस्तान टीम की किस्मत!

चैम्पियन्स ट्रॉफी क्रिकेट में मेजबान और डिफेंडिंग चैम्पियन पाकिस्तान (अब डिफेंडिंग कहना अप्रासंगिक होगा) ताबड़तोड़ मैच हार रही है। पता नहीं, किसी ने पाकिस्तान टीम की एक बात पर नोटिस किया है कि नहीं, पाकिस्तान चैम्पियन्स ट्रॉफी 2025 में वैसी ही जर्सी पहन कर उतरी है, जैसी कि 1992 विश्व कप जीतने वाली टीम की जर्सी का रंग था। यानी हल्के हरे रंग (धानी कलर) की जर्सी। 1992 टूर्नामेंट के बाद से पाकिस्तान की जर्सी का रंग बदलना शुरू हो गया और पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे के गहरे हरे रंग में बदल गया। अधिकांश मोकों और प्रतियोगिताओं में पाकिस्तान गहरे हरे रंग की जर्सी में ही मैदान पर उतरी रही है। इस टूर्नामेंट से पहले भी ट्रैगुलर सीरीज में भी पाकिस्तान ने गहरे रंग की जर्सी पहनी थी।

तो क्या यह मान लिया जाये कि पाकिस्तान यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि उसके खेल में दम तो नहीं है, चलो टोटका ही करके जीत हासिल कर लेते हैं। आपको याद होगा कि 1992 विश्व कप में पाकिस्तान ने लीग के शुरुआती मुकाबलों में 3 मैचें में हार के बाद सिर्फ 9 अंकों के साथ अंक तालिका में चौथे नंबर पर रही। इसके बाद सेमीफाइनल में अंक तालिका में शीर्ष पर रही न्यूजीलैंड को हराकर पाकिस्तान फाइनल में पहुंच गया, जहां उसने इंगलैंड को हराकर विश्व कप जीत लिया।

मगर लगता है 2025 की चैम्पियन्स ट्रॉफी में पाकिस्तान का यह ‘टोटका’ काम नहीं आया है। पाकिस्तान टीम मुश्किल में तो अब भी है। एक हल्की सी उम्मीद अब भी पाकिस्तान के पक्ष में बची हुई है, लेकिन नहीं लगता कि उसकी यह उम्मीद उसके लिए भरोसे का भी काम करेगी। जहां तक जर्सी की बात तो यह याद रखना होगा कि 1992 की पाकिस्तान टीम एक संतुलित टीम थी। कप्तान इमरान खान, जावेद मियांदाद, इंजमामुल हक, वसीम अकरम जैसे धुरंधर खिलाड़ियों से सुसज्जित टीम थी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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