1.25 करोड़ सुझाव आना अपने आप में पैदा करता है हैरत
गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय साजिश का मामला उठाया है, जिस पर अब तक किसी का ध्यान नहीं गया है। यह मामला वक्फ (संशोधन) विधेयक से जुड़ा हुआ है जिस पर जेपीसी मंथन कर रही है और जेपीसी के मांगे गये सुझाव पर देश ही नहीं विदेशों से भी लाखों लोगों ने अपनी राय भेजी है। निशिकांत दुबे ने ध्यान दिलाया कि करोड़ों सुझावों में जो राय भेजी गयी है, वह एक जैसी क्यों है। इनमें अधिकांश राय ‘कट-पेस्ट’ जैसी हैं यानी लगता है कि एक दूसरे की नकल करके ये सुझाव लिख कर भेजे गये हैं। इनमें देश से आये सुझाव भी शामिल हैं और दूसरे देशों से आये सुझाव भी हैं।
बड़े पैमाने पर एक जैसी भाषा वाले सुझाव आने के पीछे ही सांसद निशिकांत दुबे अंतरराष्ट्रीय साजिश की आशंका जता रहे हैं। इसी को लेकर उन्होंने गृह मंत्रालय से इसकी जांच करवाने की मांग भी की है। निशिकांत दुबे ने जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर कहा है कि वक्फ विधेयक को लेकर जेपीसी को मिले 1 करोड़ 25 लाख के लगभग सुझाव आना अपने आप में महत्वपूर्ण हैं और यह वैश्विक रिकॉर्ड भी है, लेकिन इससे जुड़ी चिंताओं को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता। भाजपा सांसद ने कहा कि भारत के अंदर से ही नहीं, विदेशों से आये सुझाव एक जैसे क्यों हैं? ये सुझाव या तो समान हैं या फिर इनमें थोड़ा-बहुत फेरबदल कर दिया गया है।
सांसद निशिकांत दुबे की आशंका है कि इसके पीछे भगोड़े जाकिर नाइक, जमात-ए-इस्लामी, तालिबान सहित अन्य कट्टरपंथी संगठनों और व्यक्तियों की भूमिका भी हो सकती है। उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, यहां तक की चीन की एजेंसी को भी अपने शक के घेरे में रखा है। उन्होंने कहा कि ये वे संस्थाएं है जो भारत को लम्बे समय से अस्थिर करने और लोकतंत्र को कमजोर करने के षड्यंत्र रचती रहती हैं। यदि वाकई में विदेशी
खुफिया एजेंसियां इस अभियान के पीछे हैं तो यह भारतीय संप्रभुता और संसद की स्वतंत्रता पर एक अभूतपूर्व हमला है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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