नल जल योजना मे 34 लाख 67 हजार रुपए अवैध निकासी मामले में डीएम के आदेश के 30 दिनों बाद भी मुखिया पर दर्ज नही हुई प्राथमिकी

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कैमूर: मोहनिया प्रखंड के बेलौड़ी पंचायत में वित्तीय वर्ष 2016 से 2021 के नल जल योजना में पंचायत के मुखिया व अन्य लोगो ने मिलकर सरकार की 34 लाख 67 हजार 500 रुपए की अवैध निकासी करते हुए डकार गए।जिस मामले में पंचायत के वार्ड सदस्य विवेक कुमार सिन्हा ने जिलाधिकारी कैमूर सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार सावन कुमार के यहां अपील दायर की थी।जिसके बाद डीएम ने मामले की जांच कराकर मामले में सत्यता पाते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी को इस गबन पर पंचायत के मुखिया सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। लेकिन डीएम के आदेश दिए हुए 30 दिन बीत गए लेकिन आज तक जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा पंचायत के मुखिया सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है। डीएम के आदेश के बाद भी जिला पंचायती राज पदाधिकारी का शिथिल रवैया अब गले के नीचे नहीं उतर रहा है। जो लोगों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। इस बाबत पूछने पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी मनोज कुमार पवन द्वारा गोल मटोल जवाब दिया जा रहा है। संवाददाता द्वारा जब इस मामले में जिला पंचायती राज पदाधिकारी से पूछा गया तो पहले तो उन्होंने बताया कि मोहनिया प्रखंड विकास पदाधिकारी को पंचायत के मुखिया व अन्य लोगों का पता जानने के लिए पत्राचार किया गया है।

वहीँ जब इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार दास से पूछा गया तो उन्होंने पत्राचार की बात से पूरी तरह अभिज्ञता जताई वही जब दोबारा संवाददाता द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी से संपर्क कर पूछा गया तो उन्होंने कहां के इस मामले में अभी तक कुछ नहीं हुआ है इसके बाद अंत में उन्होंने कहा कि उसका कोई ठिक नहीं है। अब सवाल यह है कि क्या जिलाधिकारी कैमूर के आदेशों का असर जिले के पदाधिकारीयो पर नहीं हो रहा है या फिर मामला कुछ और है। एक ओर डीएम का मुखिया सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश और वहीं दूसरी ओर संबंधित विभाग के अधिकारी द्वारा दिए जा रहे गोल मटोल जवाब लोगों को हजम नहीं हो पा रहा है।

यही कारण है कि पंचायत में जनप्रतिनिधि खुले मन से मिली भगत कर सरकार के रुपए की बंदर बाट करते नजर आते हैं और अधिकारी मामले में कार्रवाई करने के बजाय गोल मटोल जवाब देते नजर आते हैं जिससे आम जनता पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। यही कारण है कि आम जनता के बीच ऐसे पदाधिकारी की छवि कैसी छाप छोड़ रही होगी यह जनता ही तय करेगी।

कैमूर से विवेक कुमार सिन्हा की रिपोर्ट

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